For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हो क़लम हथियार पावन......ग़ज़ल

हो क़लम हथियार पावन......ग़ज़ल

शारदे माँ अर्ज इतनी ज्ञान सबको दीजिए.
भाव से भरपूर जीवन दान सबको दीजिए.

शब्द के उपहार अनुपम स्वर सरस अनुराग हो,
कोकिला की तान सरगम शान सबको दीजिए.

द्वेष का उद्गार निश की भाँति मन से नष्ट हो,
प्यार का, सत्कार का दिनमान सबको दीजिए.

दुःख में संवेदनायें आदमी का धर्म हो,
हों दलित-मज़लूम भी सम्मान सबको दीजिए.

भूख से बच्चे बिलखते बेसहारा नग्न भी,
अन्न, कपड़े, घर सहित उपमान सबको दीजिए.

तोड़ कर कच्ची कली को बागबाँ ही बेचता,
वासना को नष्ट कर उत्थान सबको दीजिए.

धर्म-'सत्यम'-कर्म हितकर साधना सदभाव हो,
हो क़लम हथियार पावन मान सबको दीजिए.

के०पी०सत्यम / मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 419

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 28, 2014 at 9:19pm

आ0 सौरभ सर जी, आपका बहुत-बहुत आभार। सादर,


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 21, 2014 at 2:59am

भाई वाह !

गीतिका छन्द की मात्राओं का सह्ज निर्वाह करते हुए फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन  की बह्र को भी मय काफ़िया-रदीफ़ निभा ले गये. बहुत ही अच्छी कोशिश हुई है.

प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाइयाँ व शुभकामनाएँ

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 20, 2014 at 6:17pm

आ0  जवाहर लाल भाईजी,    सादर प्रणाम! आपकी सकारात्मक सराहना हेतु आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार।   सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 20, 2014 at 6:17pm

आ0  राजेश कुमारी जी,     सादर प्रणाम! आपकी सकारात्मक सराहना हेतु आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार।   सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 20, 2014 at 6:16pm

आ0 गोपाल नारायण  भाईजी, सादर प्रणाम! आपकी सकारात्मक सराहना हेतु आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार।   सादर,

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 14, 2014 at 8:22pm

धर्म-'सत्यम'-कर्म हितकर साधना सदभाव हो,
हो क़लम हथियार पावन मान सबको दीजिए.

शुद्ध हिंदी में माँ शारदे की आराधना वाला गजल ... सचमुच मनभावन लगा....आदरणीय श्री केवल प्रसाद जी!

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 12, 2014 at 10:45am

केवल भाई

शत-शत बधाई 

इसलिए की माँ की वंदना में लोग  प्रायः अपने लिए ही  वर मांगते है पर आपने  माँ से सर्वे भवन्तु सुखिनः  का वर माँगा है i यह बहुत उचित और अनुकरणीय है i


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 11, 2014 at 7:55pm

शारदा वंदना कहूँ या ग़ज़ल .....जो भी है बहुत ही सुन्दर है मन मोहक ग़ज़ल ,बहुत बहुत बधाई केवल प्रसाद जी |

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 11, 2014 at 7:35pm
आ0 शिज्जू भाईजी, गजल की सराहना करने एवं उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार। सादर,

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 11, 2014 at 10:13am

आदरणीय केवल प्रसाद जी बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई हर शेर के लिये दिली दाद कुबूल करें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
54 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
55 minutes ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
1 hour ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service