For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी माँ है सबसे सुन्दर
फूल सरीखी माँ
श्रृद्धा ,त्याग ,तपस्या की
मूरत मेरी माँ
चन्दन और कुमकुम सी
लगती मेरी माँ
बाधाओं से कभी न हारे
ऐसी मेरी माँ
पूजा की घन्टी सी हरदम
बजती मेरी माँ
गीता,वेद,पुराणों में भी
मिलती मेरी माँ
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 521

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 22, 2014 at 8:19am

आ० प्रज्ञा जी 

माँ की पावनता को समर्पित सुन्दर भाव चित्र ... पर इस अभिव्यक्त मूल भावना को अभी काव्य में ढलना है.. मंच की अन्य रचनाओं को भी अवश्य ही पढ़ती चलें.. स्वाध्याय स्वतः ही समयानुसार रचनाओं में आवश्यक अवयव उपलब्ध कराता है 

श्रद्धा सही शब्द है 'श्रृद्धा' नहीं ....इसे भी सुधार लें 

इस प्रयास पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 15, 2014 at 10:33am

माँ के प्रति आपकी इस भावना को नमन बाकि आ० शरदिंदु जी की बात का मैं भी समर्थन करती हूँ |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on April 15, 2014 at 12:18am

आदरणीया, माँ के प्रति आपकी निश्छल भावनाओं का मैं सम्मान करता हूँ और आपके इस प्रयास के लिए साधुवाद देता हूँ....लेकिन...हालाँकि काव्य रचना पर किसीको शिक्षित करने की धृष्टता नहीं कर सकता...यह प्रस्तुति रचनाकार से और समय मांगती है यदि इसे बाल कविता के स्तर से उठकर गम्भीर कविता की धारा में अपना स्थान बनाना है. सादर शुभकामनाएँ. 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 14, 2014 at 7:29pm

प्रज्ञा जी बहुत ही प्यारा भाव काश सब संतान आप सा ही माँ के लिए सोचें और मान दें
सुन्दर
भ्रमर ५

Comment by coontee mukerji on April 13, 2014 at 3:36pm

वास्तव में इस सृष्टि का सब से सुंदर प्राणी माँ ही होती है.....आपने माँ को इतना बड़ा स्थान देकर अपनी लेखनी को बहुत बड़ी मान दे दी है.

साधुवाद.

Comment by Anurag Singh "rishi" on April 13, 2014 at 12:41pm

वाह बेहद सुन्दर कविता माँ पर कही गयी पंक्तियों की तारीफ कर सके ऐसे शब्द कम से कम हमारे पास नही बस नमन है माँ को

Comment by Pragya Srivastava on April 12, 2014 at 9:57pm
धन्यवाद,श्याम नारायण जी
Comment by Pragya Srivastava on April 12, 2014 at 9:55pm
धन्यवाद, मीना पाठक जी
Comment by Meena Pathak on April 12, 2014 at 8:31pm

सुन्दर भाव ... माँ को प्रणाम 

Comment by Shyam Narain Verma on April 12, 2014 at 10:53am
सुंदर भाव लिए, उत्तम रचना के लिए बधाई ....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
22 hours ago
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"   आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को सार्थकता प्रदान करती प्रतिक्रिया के…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, नाश सृष्टि का इस करना/ इस सृष्टि का नाश करना/...गेयता के लिए…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"  आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को प्रदत्त विषयानुरूप पाने के लिए आपका…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service