For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"क्यों..भाई, क्या हुआ ? अतिवृष्टि से चौपट हुयी फसल का, मुआवजा दे रही है न राज्य-सरकार ?" रामभरोस ने बड़ी आशाभरी आवाज से पूछा.

"काकाजी..!! दे तो रही थी, पर विपक्ष के नेताओं ने, अगले महीने चुनाव आता देख, चुनाव-आयोग को शिकायत कर स्टे लगवा दिया.. अब देखो क्या होता है ", नितिन ने बड़ी निराशा से कहा.

"अरे बेटा ! सोच रहे थे, कुछ पैसे मिल जाते तो अगली फसल के लिए खाद पानी का जुगाड़ हो जाता, और दीवाली भी मना लेते...", रामभरोस ने कराहते हुए स्वर में कहा..

       जितेन्द्र ' गीत '
  ( मौलिक व् अप्रकाशित )

Views: 1276

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 19, 2013 at 10:51am

आज की राजनीति में केवल स्वार्थ ही स्वार्थ भरा पड़ा है, नेताओं को किसी की कोई परवाह न्हीं, सभी को  फिक्र है तो सिर्फ यह कि कुर्सी कैसे प्राप्त की जाय...

आपकी उत्साहबर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज जी, स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 19, 2013 at 10:45am

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय अजीत शर्मा जी, स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखिये

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 19, 2013 at 10:43am

रचना ने आपके मन को छू लिया, मुझे लेखनकर्म की सार्थकता का प्रमाण मिलगया, मन, आत्मबल व् खुशी से भर गया, आपका हृदय से आभार आदरणीय योगराज जी, स्नेह व् आशीर्वाद युहीं बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by Sushil.Joshi on October 19, 2013 at 7:37am

बहुत ही सुंदर लघु कथा है आदरणीय जितेन्द्र भाई..... राजनीतिज्ञों को भला जनता की परेशानी से क्या मतलब..... उनकी कुर्सी पर कोई आँच नहीं आनी चाहिए बस.......


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 18, 2013 at 11:29pm

नेताओं को किसी की परेशानी से क्या सरोकार, जो एक सरकार करती है दूसरी आकर उससे उलट करती है,बीच में तो आम जनता ही पिसती है न ? बहुत अच्छी लघु कथा ,बधाई आपको | 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 18, 2013 at 9:19pm

भाई बागी जी, विपक्ष की बात पर याद आया कि जब पंजाब में भाखड़ा नंगल डैम बन रहा था तब विपक्ष वालों ने उसका बहुत विरोध किया था. पता है क्या कहकर ? यह कहकर कि इसकी वजह से पंजाब रेगिस्तान में तब्दील हो जायेगा क्योंकि सरकार किसानो को बिजली "निकाल" कर घटिया पानी देगी. :)))))) 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 18, 2013 at 9:17pm

आपका कहना एकदम सटीक व् सच है, जनहित से आज की राजनीति का दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध न्हीं है शायद..

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय अभिनव अरुण जी, स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 18, 2013 at 9:03pm

 आपका हृदयतल से आभार, आदरणीय सौरभ जी,स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखियेगा

इस वर्ष अतिवृष्टि से किसानों को बहुत नुकसान हुआ है, अब एकमात्र सहारा मुआवजा, उस पर भी राजनीति हो रही है, विधायकों को जिस क्षेत्र से , ज्यादा वोट मिलते है, वहां आगे रहकर पटवारी से सर्वे करवा रहें है, फिर विपक्षी दल भी कहाँ चुप बैठने वाला है, तेरा न्हीं, मेरा न्हीं, तो किसी का न्हीं...! सरकार द्वारा मुआवजा के रूप में, परोसी हुयी थाली को ढोलने को ही सही समझ गया..!

इन समस्याओं से रोज, रूबरू हो रहा था, ओ बी ओ परिवार व् आप सभी रचनाकारों के सानिध्य में रहकर, एक कथा के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत कर दी,

सादर!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 18, 2013 at 8:43pm

भाई विपक्ष में बैठे हैं तो विरोध करना बनता है न, जनता जाए भाड़ में, अच्छी लगी यह लघुकथा, बधाई आदरणीय जीतेन्द्र जी । 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 18, 2013 at 8:11pm

आम-जन की पीड़ा को भला समझा कौन है ? बहुत गहरी और संतुलित सोच के साथ रचनाकर्म हुआ है. बधाई स्वीकारें... .

भाई जीतेन्द्रजी, मंच से आपकी संलग्नता अब रंग दिखा रही है.

शुभ-शुभ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service