For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गाँव बसे कैसे भला ,करते बंदरबांट !
कम्बल तो देते मगर ,लूट लिये सब खाट !!१

हंस देखता रह गया ,बगुले के सर ताज !
गीदड़ अब राजा बना ,गीदड़ सिंह समाज !!२

आदि अंत सब हैं वही ,उनका ही संसार !
वो मिटटी के तन गढ़े ,कितने कुशल कुम्हार !!३

धन की चंचल चाल का ,फैला है भ्रमजाल !
जो पाते वो भी विकल ,बिन पाए बेहाल !!४

पर पीड़ा दिखती नहीं, ऐसे कैसे लोग!
दीमक जैसा खा रहा ,लालच नामक रोग !!५
*********************************************
राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 699

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vandana on October 5, 2013 at 7:38am

आदरणीय राम शिरोमणि जी  दोहों के कथ्य अच्छे लगे 

धन की चंचल चाल का ,फैला है भ्रमजाल !
जो पाते वो भी विकल ,बिन पाए बेहाल !

प्र+क् =2  ऋ=1 ति =1 ये मात्रा इस प्रकार गिनी जानी चाहिए फिर भी यह लिंक देखिये -

http://www.openbooksonline.com/group/hindi_ki_kaksha/forum/topics/5...

Comment by ram shiromani pathak on October 4, 2013 at 3:22pm

आदरणीय भाई अरुण शर्मा जी इससे आपका और मेरा दोनों लोगों के शंका का समाधान हो जाएगा। ……

साथ ही एक और प्रश्न। …. "प्रकृति" में कई लोग ३ मात्रा मानते है और कई लोग ४ चार इसे किस हिसाब से सही माना जाय //

गुरुजनों से निवेदन है कृपा कर मार्गदर्शन करें //सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 4, 2013 at 3:18pm

भाई कदाचित ऐसा होता है तो मुझे ज्ञात नहीं अधिक गुरुजन ही कहेंगे. मैं स्वयं भी इच्छुक हूँ जानने हेतु.

Comment by ram shiromani pathak on October 4, 2013 at 3:09pm

 बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई राजेश  जी। सादर

Comment by ram shiromani pathak on October 4, 2013 at 3:07pm

आदरणीय भाई अरुण शर्मा जी आप सही कह रहे है मै आपसे सहमत भी हूँ लेकिन आपका ध्यान कुछ शब्दों पर केन्द्रित करना चाहूंगा !!

उन्हें =३ मात्रा (उच्चारण अनुसार )
उन्होंने =५ मात्रा

ठीक उसी प्रकार मैंने "कुम्हार" = ४ मात्रा माना है भाई ///सादर

Comment by ram shiromani pathak on October 4, 2013 at 3:01pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय विजय  मिश्र  जी। सादर 

Comment by ram shiromani pathak on October 4, 2013 at 3:01pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई केवल  जी। सादर 

Comment by ram shiromani pathak on October 4, 2013 at 3:00pm

 बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई जोशी  जी। सादर 

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 4, 2013 at 3:00pm

अनुज ग़ज़ल के हिसाब से मात्रा गणना हाहाहा भाई जी छंद में आधा वर्ण सदैव अपने से पहले के साथ ही गिना जाता है आपको भी पता है भाई.

कुम्हार : क़ुम् २ हा २ र १

Comment by ram shiromani pathak on October 4, 2013 at 3:00pm

दोहों को और भी सशक्त करने का प्रयास  करता हूँ //  बहुत बहुत आभार आदरणीय गणेश जी। सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service