For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बंधन रक्षा का है, यह दिलों का भी है..

बंधन रक्षा का है, यह दिलों का भी है।
भाई-बहनों के पावन मिलन का भी है।
प्यारी बहना सलामत रहे हर सदा।
मेरी ख्वाहिश तुम्हारे दिलों में भी है।
ले लो संकल्प बंधन के इस पर्व पर।
हर गली, हर मोहल्ले में बहना ही है।
बंधन रक्षा का है ......................।
प्यारी बहना को उपहार देते समय,
उसको पुचकार औ प्यार देते समय।
दिल्ली की सड़कों की याद कर लो जरा,
अरसा पहले जो गुजरा नजारा वही,
याद कर लो जरा, बात कर लो जरा।
लो शपथ और खाओ कसम फिर यही,
हर गली हर मोहल्ले में बहना ही है।
उसकी रक्षा-सुरक्षा का दायित्व है।
बंधन रक्षा का है यह दिलों का भी है
भाई बहनों के पावन मिलन ........।
अतुल अवस्थी
मो. 9838642000

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 408

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 24, 2013 at 1:38pm

सुन्दर सन्देश देती अभिव्यक्ति 

शुभकामनाएँ 

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 22, 2013 at 11:52am

बेहद सुन्दर रचना आदरणीय काश यह संभव हो जाए ईश्वर से यही मंगल कामना है इस सुन्दर रचना पर बधाई स्वीकारें.

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 21, 2013 at 11:24pm

हर गली हर मोहल्ले में बहना ही है।
उसकी रक्षा-सुरक्षा का दायित्व है।
बंधन रक्षा का है यह दिलों का भी है
भाई बहनों के पावन मिलन ........। 

प्रिय अतुल जी बहुत सुन्दर आह्वान ..भाई बहन का प्रेम अमर रहे ...रक्षा बंधन की शुभ कामनाएं
भ्रमर ५

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 21, 2013 at 4:54pm

पर्व के साथ दायित्व को समझाती , सुंदर रचना पर बधाई स्वीकारें आदरणीय अतुल जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 21, 2013 at 2:11pm

रक्षा बन्धन को एक गम्भीर समस्या से जोड़ कर एक अच्छी बात कही !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service