For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलिया छंद [प्रथम प्रयास]

बरखा छम छम आ गई ,लेकर सुखद फुहार
सावन के झूले पड़े ,कोयल करे पुकार
कोयल करे पुकार ,सबहीं का चित चुराए
मीठे मीठे आम ,सभी के मन को भाए
सखि न झूला सोहै ,ना ही चलत है चरखा
आय न सजन हमार,ना भाए रूत बरखा

 ........मौलिक व अप्रकाशित..........

Views: 508

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 2, 2013 at 7:22pm

कुंडलिया छंद प्रस्तुत करने के प्रयास के लिए हार्दिक बधाई आद. सरिता भाटिया जी 

Comment by Sarita Bhatia on July 2, 2013 at 2:03pm

सौरभ जी कृपया इसे सुधार दें 

सखि न सोहे झूले , चले ना जीवन चरखा

सजन अभी न आए, आ गई है रुत बरखा   

Comment by Sarita Bhatia on July 2, 2013 at 1:38pm

 Saurabh Pandey  आदरणीय सौरभ जी हार्दिक आभार आपने मेरी गलती बताई 

दोहे में तो सुधार  कर चुकी हूँ 

यहाँ शब्द संजोजन तथा शिल्प को कृपया अच्छे  से समझा दें 

हार्दिक धन्यवाद 

Comment by Sarita Bhatia on July 2, 2013 at 1:35pm

सभी का हार्दिक स्वागत है ,धन्यववाद सहित 

सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 2, 2013 at 5:47am

आदरणीया आपके प्रथम प्रयास के प्रति मेरी असीम सुकामनाएँ..

बरखा के साथ चरखा का तुक मात्र तुक प्रतीत हुई है. ऐसी तुकें कहन के साथ सामंजस्य नहीं बैठा पातीं.

आय न सजन हमार,ना भाए रूत बरखा .. यह पद शब्द-संयोजन तथा शिल्प दोनों से कमतर है.

लेकिन आपके प्रथम प्रयास को देखते हुए आपका छंद-प्रयास बहुत सधा हुआ प्रतीत हुआ.

शुभम्

Comment by vijay nikore on July 2, 2013 at 5:22am

आदरणीया सरिता जी:

 

अच्छे भाव पिरोय हैं।

बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by ram shiromani pathak on July 1, 2013 at 6:59pm

वाह आदरणीया सरिता जी बहुत ही सुन्दर चित्रण किया है आपने ///

Comment by shalini rastogi on July 1, 2013 at 5:02pm

वाह सरिता जी .. बहुत ही उत्तम लगा आपका यह प्रथम प्रयास ... 

Comment by Devendra Pandey on July 1, 2013 at 3:40pm

Achchi Prastuti hai, badhayee 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Feb 2
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Feb 1
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service