For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे (सन्दर्भ -पाक में सर्वजीत की ह्त्या)

 

सरबजीत शहीद हुए, सत्ता करे न काम   

छोड़ गया दो बेटियाँ, जो देगी अंजाम |

 

याद करो इतिहास को, और इंदिरा नाम,

पाकिस्तान हार गया,  नाम हुआ बदनाम |

 

हर देवी दुर्गा यहाँ, रानी झाँसी नाम,

दुश्मन थर-थर कांपते, होती नींद हराम |

 

सत्ता बेरी हो गयी, घटे देश की आन,

सत्ता उसको दीजिये, बढे देश की शान |

 

सावधान सेना करे, सत्ता दे ना ध्यान,

जन की रक्षा कर सके, देना उसे कमान |

 

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला 

Views: 911

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 8, 2013 at 7:22pm

 दोहे पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार डॉ दिलीप मित्तल जी 

Comment by Dr Dilip Mittal on May 8, 2013 at 6:04pm

आदरणीय सुंदर दोहे के लिए बधाई ,

सरबजीत की शान में ४ लाइन ,

सरबजीत ने देश कि  लाज रख ली ,

उसके दिल ,गुर्दे थे तो निकाल लिये ,

अगर किसी नेता के टटोलते तो ,

देश को शर्मसार होना पड़ता ,

न दिल, जिगर  ना खोजने पर दिमाग,

का कही पता चलता .

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 5, 2013 at 5:46pm

पुनः आभार श्री मनोज शुक्ला जी 

Comment by manoj shukla on May 5, 2013 at 4:14pm
आदर्णीय श्री लक्षमण जी आपको रचना के लिए पुनः बधाई.....
आदर्णीय सीमा जी आपका सादर आभार क्योकि आपके सुझाव से मैने भी सीखा है.....प्रायः मुझसे भी ऐसी गलतियाँ हुई है
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 5, 2013 at 3:16pm

बिलकुल सही कहा है आपने इतने दोहे रचने के अब आंतिक विन्यास पर समझा पाया है कोई | दोहे सराहने के लिए आपका हार्दिक 

आभार भाई श्री अशोक रकाले जी 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 5, 2013 at 3:02pm

आदरणीय लड़ीवाला साहब बहुत सुन्दर दोहे है.बहुत सुन्दर भाव बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. आदरेया सीमा जी  के दिए सुझाव गाँठ में बाँध लें.दोहे के आतंरिक विन्यास को इतनी सुन्दरता से परिभाषित करते कम ही देखा है.सादर.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 5, 2013 at 1:05pm

शहीद की जगह 2 मात्रिक शब्द दिमाग में नहीं बैठ रहा है | इस दोहे को अगर यूँ लिखा जावे तो कैसा रहे कृपया बतावे-

सरबजीत की जीत है, पर सत्ता नाकाम 

छोइ गए दो बेटियाँ, जो देगी अंजाम । 

सुझाव हेतु पुनः हार्दिक आभार आदरनीया सीमा अग्रवाल जी 

Comment by seema agrawal on May 5, 2013 at 11:59am

खुशी हुयी लक्षमण जी आपने बात को देखा समझा और परखा आपके द्वारा संशोधित दोहों को राजेश जी ने सही समय पर उपस्थित हो कर स्वीकृति दे दी है 

सरबजीत शहीद हुए, सत्ता करे न काम   

छोड़ गया दो बेटियाँ, जो देगी अंजाम |.....एक बार इस दोहे को भी परखिये 3+3+2+3+2 

सरब=३+जीत =३+ शही =३ ..............बस यही ये दोहा गलत हो गया तीसरे स्थान पर कोई 2 मात्रिक शब्द आना चाहिए था  

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 5, 2013 at 11:33am

ओबीओ मंच पर टिप्पणियों के माध्यम से सभी को सिखने/सिखाने को मिलता है, भाई श्री बृजेश सिंह नीरज जी 

दोहे पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार 

Comment by बृजेश नीरज on May 5, 2013 at 7:08am

आदरणीय बहुत सुन्दर और सामयिक दोहे। बधाई! आपके माध्यम से मुझे भी एक नई चीज सीखने को मिली।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
22 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
30 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Nov 18
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Nov 18

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service