For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुरु ऐसा दीजिये प्रभु,चेला बने महान II
गुरु की भी अटकी रहे,चेले में ही जान II
चेले में ही जान,काम ऐसे कर जाए I
खुद का जो हो नाम,मशहूर गुरु हो जाए II
चेला ले गुरु नाम,सदा इश्वर के जैसा I
होवे बेड़ा पार, मिले जीवन गुरु ऐसा II


शिक्षा सदा वशिष्ठ से, पाते हैं श्रीराम I

और है श्रीकृष्ण से,सांदिपनी का नाम II
सांदिपनी का नाम, इश्वर भाग्य विधाता I
चतुर चाणक्य नाम,याद बरबस आ जाता II
चंदु बना सम्राट , चाणक्य मांगता भिक्षा I
होता है गुरु नाम, सही मिलती जो शिक्षा II

Views: 502

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 5, 2012 at 12:11am

आदरेया राजेश कुमारी जी

                            सादर, धन्यवाद.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 4, 2012 at 12:58pm

अशोक कुमार रक्तेला जी शिक्षक दिवस के अवसर में आपने बहुत सुन्दर बेहतरीन कुंडलियाँ रची हैं हार्दिक बधाई आपको 

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 4, 2012 at 12:45pm

आदरणीय संदीप जी

                     सादर, आपको कुण्डलिया के भाव पसंद आये जान कर प्रसन्नता हुई. स्नेह बनाए रखें. धन्यवाद.

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 4, 2012 at 12:43pm

आदरणीय बागी जी

                      सादर, मैंने रचना को सुधार कर दिया है. आपके सहयोग के लिए नमन.

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on September 4, 2012 at 12:15pm

आदरणीय अशोक जी,

बहुत ही सुन्दर भाव समेटे ये कुण्डलियाँ बहुत ही पसंद आईं! गुरु शिष्य के अंतर्संबंध और महत्व को प्रतिपादित करती आपकी रचना हेतु बधाई स्वीकार करें! साभार,


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 3, 2012 at 11:13pm

गुरु ऐसा दे दे प्रभु

11   22   2 2 11=12

चंदु बना सम्राट , चाणक्य मांगे भिक्षा

21   12  221     221     22 12 =23

भाव सम्प्रेषण बहुत ही बढ़िया, सुन्दर कुंडलियों के लिए बहुत बहुत बधाई |

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 3, 2012 at 11:04pm

प्राची जी

            सादर, गुरु महिमा में लिखी कुण्डलिया के भाव आपको अच्छे लगे जानकार प्रसन्नता हुई. यदि आप त्रुटियों पर कुछ और रौशनी डालती तो मेरा काम आसान होता. मात्रा की गणना  पर मेरा अभ्यास जारी है.

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 3, 2012 at 10:57pm

आदरणीय लड़ीवाला जी

                            सादर, आभार आपको गुरु गुणगान पसंद आया.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 3, 2012 at 2:50pm

बहुत सुन्दर गुरु महिमा दर्शाती कुण्डलिया हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय अशोक रक्ताले जी , कहीं कहीं मात्रा गणना कम-ज्यादा हो रही हैं, कृपया पुनः अवलोकन कर ले. सादर.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 3, 2012 at 2:36pm

 सुन्दर चित्रण गुरु सिष्य का भाई अशोक कुमार रक्ताले जी, अगर शिष्य सही है तो गुरु का भी जगत में सम्मान बढ़ता ही है और गुरु सही ज्ञान देता है तो गुरु के सम्मान से बढ़कर कोई गुरु दक्षिणा नहीं है 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
59 minutes ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
1 hour ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
1 hour ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
2 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
7 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service