For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गज़ल........उनको हवा नाम दूँ जाने मैं क्या करूँ .............

गज़ल........उनको हवा नाम दूँ जाने मैं क्या करूँ .............

   वो दूर हैं आज यूँ जाने मैं क्या करूँ

  वो मूक हैं आज क्यूँ जाने मैं क्या करूँ

 

  इक बात पे रंज हैं लब चुप से हैं जरा

  किसके सहारे लिखूं जाने मैं क्या करूँ

 

  अब पूँछते हैं नज़ारे आकर के भला

  उनको हवा नाम दूँ जाने मैं क्या करूँ 

 

  संगीत थी , मेरे गीतों की परवाज़ थी

  यूँ आज बेसाज़ हूँ जाने मैं क्या करूँ

 

  हम बैठ तन्हा कभीं यादों में खोजते

  अब रोज आवाज़ दूँ जाने मैं क्या करूँ

 

*************************************************

             अतेंद्र कुमार सिंह 'रवि'

*************************************************

 


Views: 794

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shyam Bihari Shyamal on April 23, 2012 at 6:04am

वाह... अतेन्‍द्र जी... अच्‍छी रचना.. हार्दिक बधाई..

Comment by Abhinav Arun on April 5, 2012 at 10:50am

क्या बात है अतेन्द्र जी !  हार्दिक बधाई हर शेर पर !!

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on March 28, 2012 at 10:03am

आशीष भाई ....बधाई देने के लिए दिल से आभार ....और धन्यवाद

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on March 28, 2012 at 10:02am

मनोज " प्रलयंकर" सर जी ....अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखें हम पर ....रचना पसंद आने के लिए ...आपको सह्रिदय धन्यवाद

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on March 28, 2012 at 10:00am

सौरभ सर जी ...आपने हमारी गज़ल आपको अच्छी लगी और आपने कमेंट्स किया ..आपका दिल से धन्यवाद तथा आभार ....अपना आशीर्वाद हम सदा यूँ ही बनाये रखें ....

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on March 28, 2012 at 9:57am

राजेश कुमारी जी .....रचना पसंद आने के लिए ...आपको सह्रिदय धन्यवाद

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on March 28, 2012 at 9:52am

राजेंद्र सर जी ...अपना आशीर्वाद हम पर यूँ ही बनाये रखें

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on March 28, 2012 at 9:51am

अरुण सर जी ...हमारी रचना आपको पसंद आई इसके लिए आपको दिल से धन्यवाद ....इसी प्रकार अपना स्नेह बनाये रखें हम पर ..

Comment by Atendra Kumar Singh "Ravi" on March 28, 2012 at 9:40am

आदरणीय प्रदीप कुमार सिंह जी रचना पसंद आने के लिए ...आपको सह्रिदय धन्यवाद

Comment by आशीष यादव on March 27, 2012 at 3:55pm
सुन्दर रचना।
मात्राओँ पे ध्यान रखा है आपने।
बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"वाह वाह  आदरणीय, आपकी प्रस्तुति पर पुन: आता हूँ।  करूँगा मैं चर्चा सबुर आप…"
21 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"वाह वाह  आदरणीय, आपकी इस प्रस्तुति पर पुन: आऊँगा।  शुभातिशुभ"
30 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
21 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया

पलभर में धनवान हों, लगी हुई यह दौड़ ।युवा मकड़ के जाल में, घुसें समझ कर सौड़ ।घुसें समझ कर सौड़ ,…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service