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न जाने कौन से ग़म का रिश्ता निभाते हैं यह चिराग
tuhada ashirvaad haiga yugraj ji
दीपक अगर जलेगा तभी तो रौशनी होगी. इस सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए साधुवाद स्वीकार करें.
shukriya Nazeel sahib........
बागी जी आप कहते हैं हम बढ़िया लिखते हैं लेकिन दुनियां कहती है कलम से तीर मारते हो...... खैर शुक्रिया जनाव
बहुत बढ़िया रचना दीपक साहब ..... हार्दिक बधाई स्वीकारे....:)
अरुण जी यह आपकी हौंसला हफ्जाई और अच्छा लिखने को प्रेरित करती रहेगी धन्यवाद...
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