For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पर्यावरण बचायें

आओ प्यारे हम सब मिलकर
पर्यावरण बचायें।
हरे भरे हम वृक्ष लगाकर
हरियाली फैलायें।1।

नदियाँ पर्वत झील बावली
और तलाब खुदायें।
महावृक्ष पीपल वट पाकड़
वृक्ष अनेक लगायें।2।

धरा धधकती धक-धक धड़कन
जन-जन की न बढ़ाएं।
पर्यावरण संतुलित होवे
ऐसे कदम उठायें।3।

प्राण वायु जल शीतल निर्मल
प्रकृति प्रेम से पायें।
आज के सुख के खातिर हमसब
भावी कल न मिटायें।4।

सोचो हम क्या देंगे अपनी
आने वाली पीढ़ी को।
सब कुछ दूषित हवा प्रदूषित
चुने विनाश की सीढ़ी को?5।

सुनो बुद्धिजीवी जनमानस
प्रकृतिप्रेम सम्मान करो।
प्रकृति की निर्मल छटा हो प्रसरित
ऐसा कार्य महान करो।6।

पर्यावरण का सुखद आवरण
जब तक हमको घेर रखे।
जीवन जीना तब तक थल पर
हम सबका भी मेल सखे।7।

वरना तय विनाश है प्यारे
मत ऐसा तुम कदम धरो।
प्रकृति मातृवत् पाले सबको
कोई कर्म न अधम करो।8।

आओ मिलकर हाथ मिलायें
प्रकृति से मिलकर साथ चलें।
प्रकृति प्रेम को अपना कर हम
धरती माँ की गोद पलें ।9।

मौलिक एवं अप्रकाशित

अवनीश।।

Views: 442

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Awanish Dhar Dvivedi on August 9, 2022 at 11:15pm
आप सुधी जनो का हार्दिक आभार।।
Comment by Samar kabeer on June 15, 2020 at 6:42pm

जनाब अवनीश जी आदाब, अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

मंच की दूसरी रचनाओं पर भी अपनी टिप्पणी दिया करें ।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on June 15, 2020 at 3:00pm

जनाब अवनीश धर द्विवेदी जी, आदाब। सुंदर रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
3 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service