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ग़ज़ल _ घर की बर्बादी के हालात नज़र आते हैं |0

(फाइ ला तुन _फ इ लातुन _फ इ लातुन _फे लुन)

घर की बर्बादी के हालात नज़र आते हैं |
उनके तब्दील खयालात नज़र आ ते हैं |

सिर्फ़ मेरी ही नहीं उनसे तलब मिलने की
वो भी मुश्ताक़े मुलाकात नज़र आ ते हैं |

जिनके वादों ने हसीं ख्वाब दिखाए मुझको
उफ़ बदलते हुए वो बात नज़र आ ते हैं |

उनकी यादों को भुलाऊँ तो भुलाऊँ कैसे
वो तसव्वुर में भी दिन रात नज़र आ ते हैं |

बे असर यूँ न हुईं मेरी वफाएँ यारो
उनके सोए हुए जज़्बात नज़र आ ते हैं |

ख़ास जो दोस्त हैं मिलती है यह उन में खसलत
वक्ते मुश्किल वो सदा साथ नज़र आ ते हैं |

ज़ख़मे नौ देता है तस्दीक वो हर दिन फ़िर भी
तुम को आसारे इना यात नज़र आ ते हैं |

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 8, 2018 at 1:39pm

मुहतरम जनाब विजय निको रे साहिब  , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I 

Comment by vijay nikore on August 8, 2018 at 1:15pm

इस अच्छी गज़ल के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय तस्दीक जी

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 7, 2018 at 10:45pm

मुहतरम जनाब तेज वीर साहिब  , ग़ज़ल पर आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 7, 2018 at 10:44pm

जनाब बसंत कुमार साहिब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 7, 2018 at 10:44pm

मुह तरमा नीलम साहिबा , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I 

Comment by TEJ VEER SINGH on August 7, 2018 at 7:37pm

हार्दिक बधाई आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी।बेहतरीन गज़ल।

जिनके वादों ने हसीं ख्वाब दिखाए मुझको 
उफ़ बदलते हुए वो बात नज़र आ ते हैं |

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 7, 2018 at 3:40pm

वाह बहुत सुंदर गजल हुई है , बहुत बहुत बधाई आपको 

Comment by Neelam Upadhyaya on August 7, 2018 at 12:14pm

आदरणीय तस्दीक़ अहमद खान साहब, बहुत ही उम्दा ग़ज़ल की पेशकश ।  मुबारकबाद कुबूल करें।

 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 7, 2018 at 7:55am

जनाब रवि भाई साहिब, ग़ज़ल पर आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 7, 2018 at 7:54am

जनाब नवीन साहिब, ग़ज़ल पसंद करने और आपकी हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I 

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