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मोहन बेगोवाल's Blog – October 2015 Archive (2)

लघुकथा तीसरी सवारी

"जल्दी करो भाई, देर हो  हो रही मुझे , आज तुझे छोड़, तेरी माँ को अस्पताल  भी दिखा कर फिर ड्यूटी जाऊँगा ” महिंद्र ने नवीन की तरफ देखते हुए कहा । मुश्किल से  दो घंटे की छुट्टी मिली थी ,जल्दी  चलें, तीनों बाहर आए और  मोटर साईकल पर सवार हो  घर से निकल पड़े, अभी चोंक पर आ के रुके तो ट्रैफिक पुलिस के मुलाज़िम ने रोक कर एक तरफ मोटर साईकल खड़ा करके कागज़ दिखाने के लिए कहा, तब महिंद्र ने  धीमी आवाज़ से  कहा “मुलाज़िम हूँ । बीवी ठीक नहीं है इसे अस्पताल दिखाने जा रहें हैं ।”  मगर ट्रैफिक पुलिस के मुलाज़िम…

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Added by मोहन बेगोवाल on October 7, 2015 at 9:30pm — 2 Comments

उलटी गंगा (लघुकथा )

  

उलटी गंगा

बात जब तक  घर में  थी, सभी परिवार के मैंबर  उसे समझा रहे थे । ये तुम  गलत कर रहें हो ,रौशनी का ख्याल हमें पहले रखना चाहिए था, न कि अब हमसाया के  घर की तरफ खिड़की रख कर । मगर वह अपनी फौजियों सी  ज़िद छोड़ नहीं  रहा था ।

पड़ोसी तो इस कि बारे पहले ही विरोध दर्ज करवा चुके थे, “क्योंकि कि बिल्डिंग के पीछे कोई अधिकारित रास्ता न होने की वजह से अपना हक भी नहीं बनता है” उसकी घर वाली ने कहा।  पड़ोसी  के  पास अब क़ानूनी करवाई कि सिवाए कोई चारा नहीं रहा था ।  पर फिर…

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Added by मोहन बेगोवाल on October 4, 2015 at 7:30pm — 3 Comments

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
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"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
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"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
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"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
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"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
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Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
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"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
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DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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