अंबर और धरणी पर आज,
शारदीय चाँदनी रात खिली,
पूनो का चाँद लेकर आई,
तारों की बारात खिली,
कार्तिक पुरवाई बहे,
मीठी-मीठी ठंड़ खिली ,
चमेली,चंपा, जूही से महके,
सपनों की सौगात खिली,
शुभ्र चमके निहारिका ये ,
दृश्यमान है गात खिली,
गोकुल रास रचाएँ कान्हा,
वंशी की मधुरम तान खिली,
गोपियाँ-राधा झूमें-नाचें,
रक्तिम अधरों पर मुस्कान…
ContinueAdded by Arpana Sharma on October 25, 2018 at 12:00am — 8 Comments
रक्षाबंधन पर्व ले आई,
श्रावण शुक्ल पूर्णिमा,
भर लाई अतुलित उल्लास,
पुनीत-पावन स्नेहिल ऊष्मा,
मैं हर्षित पर्व यह सुमंगल मनाऊँगी,
हाथों सुंदर मेंहदी रचाऊँगी,
भाई मंगल तिलक करने
मैं अवश्य ही आऊंगी,
हाथ से रेशम की ड़ोरी बनाऊंगी,
जरी का उसमें झुमका लगाऊंगी,
चौक पूर, पाट पर तुमको बिठाऊँगी,
श्रीफल, रोली-अक्षत थाल सजाऊँगी,
राखी तुम्हारी कलाई सजाऊंगी,
तिलक चर्चित कर उन्नत भाल पर,
मंगल-दीप से आरती…
ContinueAdded by Arpana Sharma on August 27, 2018 at 3:30pm — 2 Comments
हँस पड़ती हूँ ,
अक्सर मैं,
मुझे तोड़ने में
मशगूल,
अपनी अमोल ऊर्जा,
व्यर्थ करते उन,
मिथ्या हितैषियों को
देखकर,
टूटन को नित,
यूँ पान करती
आई हूँ कि,
ये गरल तो मेरी
हर श्वांस में
घुला-मिला है,
इसे नित जीकर....
कि इसके बिना,
हल्की-हल्की सी,
श्वांसों पर यकीं
ना होना
लाजिमी है,
तिल भर भी तो,
नहीं बची है,
कोई जगह
जहाँ किसी को
अवसर मिले,
मुझे…
Added by Arpana Sharma on August 4, 2018 at 3:40pm — 6 Comments
गुरू-महात्म्य है अपरंपार,
गुरूवर नमन आपको बारंबार,
सर्वप्रथम गुरू हैं मात-पिता,
जग से जोड़ा अपना नाता,
पालन-पोषण-शिक्षा सँभाल,
दायित्वपूर्ण इनका सब संसार,
गुरूवर नमन आपको बारंबार,
ज्ञान दीप प्रज्वलित किये,
अज्ञान-तम सब हर लिये,
अहसान हैं हम पर अपार,
कैसे चुके इस ऋण का भार,
गुरूवर नमन आपको बारंबार,
हमें थे अविदित ईश्वर भी,
उनकी भी प्रतीति गुरू से ही,
गुरू से जाने…
ContinueAdded by Arpana Sharma on July 27, 2018 at 7:54pm — 6 Comments
"मैं कैसे अपने गहन दुःख का इज़हार करूँ । मेरे पिताजी की तबियत अत्यंत खराब है। करीब दस दिनों से आई.सी.यू.में भर्ती हैं । आप सभी की प्रार्थनाओं और दुआओं की बहुत जरूरत है। आपके संबल से ही हम इस मुश्किल समय से उबर पाएँगे "
अत्यंत मार्मिक शब्दों से भरा फेसबुक पर अपना स्टेटस अपड़ेट करने के बाद कुणाल उस पर मिल रहे लाईक्स पर अपना धन्यवाद और प्रार्थनाओं, दुआओं से भरे संदेशों का उत्तर देने में व्यस्त होगया। ना जाने कितनी देर वह ऑनलाइन बैठा ख़ैरियत पूछने वालों को अपने पिताजी…
Added by Arpana Sharma on July 24, 2018 at 3:07pm — 9 Comments
सुबह से ठंडे चूल्हे को देख आहें भरती वह अपनी छः वर्षीय बेटी और तीन वर्षीय बेटे को पास बिठाए गहरे मातम में ड़ूबी थी। उसे लकवा सा मार गया था। उसका मस्तिष्क मानो सोचने-विचारने की क्षमता खो बैठा था। पूरी रात उसने वहीं जमीन पर बैठे गुज़ार दी थी। दोनों बच्चे भी वहीं उसकी गोदी में पड़े- पड़े कब सो गये थे उसे कोई होश ही नहीं था। पड़ोस की बूढ़ी अम्मा ही बच्चों के लिए खाना ले आई थी।
" आह..! अब ऐसे घिनौने पाप का साया मेरे और इन बच्चों के सिर पर हमेशा मँड़राता रहेगा।"
उसकी दुःखभरी कराहें निकल…
ContinueAdded by Arpana Sharma on July 22, 2018 at 3:30pm — 6 Comments
गीतों की लय
है ड़गमगाई,
सुरों की सरगम
स्तब्ध हो आई,
भाव खो बैठे,
हैं धीरज,
कैसे कह दें
अलविदा
आपको कविवर
हे नीरज,
शब्द-लय सुर-गीत
अप्रतिम -अद्वितीय ,
युगों- युगों रहेंगे
गुँजायमान,
है धन्य-धन्य,
यह भारत भूमि,
पाकर आपसा अनन्य,
कलम का धनी...!!
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
Added by Arpana Sharma on July 20, 2018 at 11:00pm — 7 Comments
मैं तृषित धरा ,
आकुल ह्रदया,
रचती हूँ ये पाती,
मेरे बदरा,
तुम खोए कहाँ,
मुझसे रूठे क्यों,
हे जल के थाती,
दूर-दूर तलक,
ना पाऊँ तुम्हें,
कब और कैसे,
मनाऊँ तुम्हें,
नित यही मैं ,
जुगत लगाती,
साँझ- सबेरे,
राह निहारे ,
मैं अनवरत ,
थकती जाती,
आओ जलधर,
जीवन लेकर,
बिखेरो सतरंग,
सब ओर मुझपर,
तड़ित चपला की,
शुभ्र चमक में,
श्रृंगारित हो,
सुसज्जित हो,
हरी चूनर मैं,…
Added by Arpana Sharma on July 20, 2018 at 4:30pm — 9 Comments
उँगलियों पर रहे थिरकती,
लेखा-जोखा समय का रखती,
देखो वो चली, विदा ले चली,
हाथ हिलाते, हँसते-मुस्काते,
ये बारह माहों की गिनती,
तीन सौ पैंसठ दिनों का सफर,
खत्म कर पकड़ेगी, इक कोरी-नई ड़गर,
इसके नए पन्नों पर होगी ,
अब लिखी इक इबारत नई,
छोड़ अनेकों पीछे, अनेकों साथ जोड़ते,
देखो वो आई, आ ही चली,
इक नूतन बारह माहों की गिनती,
समय-प्रवाह थपेड़े में ,
जीवनयात्रा के रेले में,
इक वर्ष और…
ContinueAdded by Arpana Sharma on December 31, 2017 at 10:22pm — 7 Comments
राजभाषा हिन्दी के दिवस का
अवसर है पधारा,
14 सितम्बर 1949 के दिन
देवनागरी हिन्दी को
हमने अपनी
राजभाषा स्वीकारा,
यही ऐतिहासिक दिन
हिन्दी दिवस नाम से
जाता है पुकारा,
भारत की अनेकों भाषाओं के बीच
हिन्दी का आकर्षण
सबसे न्यारा,
ज्यों विशाल समुद्र में
मिल…
Added by Arpana Sharma on September 15, 2017 at 3:00pm — 4 Comments
Added by Arpana Sharma on August 15, 2017 at 12:00am — 3 Comments
Added by Arpana Sharma on June 5, 2017 at 8:07pm — 4 Comments
Added by Arpana Sharma on June 2, 2017 at 11:23pm — 7 Comments
Added by Arpana Sharma on April 26, 2017 at 5:39pm — 4 Comments
Added by Arpana Sharma on April 18, 2017 at 5:00pm — 14 Comments
Added by Arpana Sharma on April 16, 2017 at 7:41pm — 11 Comments
Added by Arpana Sharma on March 9, 2017 at 3:04pm — 2 Comments
Added by Arpana Sharma on January 10, 2017 at 2:03pm — 9 Comments
Added by Arpana Sharma on December 29, 2016 at 5:30am — 8 Comments
Added by Arpana Sharma on December 3, 2016 at 4:00pm — 5 Comments
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