Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 18, 2012 at 5:06pm — 7 Comments
कब बदलोगे
कभी मस्जिद में ले चलना कभी मंदिर में आओ तुम
वहीँ से चर्च में चल देंगे मिलजुलकर हम और तुम
यह दर-ओ-दीवार मज़हव की कहीं आड़े न आ जाए
कहीं इंसानियत के फूल को कम्बखत खा जाए
बदलो सोच को अपनी झाँको दिल के बाहर भी
घटिया सोच के दायरे में कहीं हो जाएँ न हम गुम
यह मेरा दावा है गुरूद्वारे में भी राम बसते हैं
ज़रा तू मान ले यह बात दीपक 'कुल्लुवी' की भी सुन…
Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 13, 2012 at 5:02pm — 6 Comments
सब रह जाएगा
कहीं किडनी फेल कहीं हार्ट फेल
कुदरत के हैं यह अजीब खेल
कर्म किए हैं तूने जैसे
वैसी ही अब सज़ा तू झेल
भूल गया था तू औकात
कुछ भी तुझको रहा न याद
बहुत हँसा अब रोएगा तू
कौन सुने तेरी फरियाद
वोह ऊपर बैठा सब देखे है
कर्मों के ही सब लेखे हैं
इंसाफ़ करेगा वोह तो ज़रूर
मिटा के रहेगा तेरा गरूर
जीवन में चाहे कुछ भी करना
किसी के हक से घर न भरना
धन दौलत यहीं रह जाएगा
अपनी हस्ती पे गुमाँ न…
Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 13, 2012 at 10:00am — 6 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on July 10, 2012 at 11:24am — 9 Comments
ग़मगीन
तक़दीर ही अपनी ऐसी थी
अपने हिस्से में गम निकले
जब भी कोशिश की हँसने की
आँख से आँसू बह निकले
अतीत नें पीछा छोड़ा न
न अपनों नें ही जीने दिया
खुदा से अब तो यही दुआ है
हँसते हँसते ही दम निकले
दीपक…
ContinueAdded by Deepak Sharma Kuluvi on July 7, 2012 at 1:01pm — 3 Comments
(सर चकराए)
राधे माँ के लटके झटके
नित्यानंद के देखो नखरे
निर्मल बाबा के अजीब उपाय
देख के भईया सर चकराए
बाबाओं की गजब कमाई
अपार दौलत शोहरत पायी
गरीब तलाशता गोबर में दाना
बाबाओं नें लुटिया डुबाई
साधू नहीं यह स्वादु हैं
भोली जनता इनकी बाजू हैं
मृदुवाणी से बस में करते है
और झोलियाँ अपनी भरते हैं
कोई तन लूटे कोई मन लूटे
सब धन लूटे चुपचाप
उनकी चिकनी चुपड़ी बातों से
हो रहे हम बर्वाद
यह बाबा फसल बटेरे हैं…
Added by Deepak Sharma Kuluvi on June 13, 2012 at 2:53pm — 4 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on June 8, 2012 at 10:45am — 8 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on June 7, 2012 at 12:36pm — 8 Comments
कुछ तो ऐसा हुआ होगा
Added by Deepak Sharma Kuluvi on May 25, 2012 at 11:00am — 14 Comments
आओ मिल जुल के इस दुनियाँ से मुहब्बत कर लें
Added by Deepak Sharma Kuluvi on May 24, 2012 at 11:16am — 9 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on May 18, 2012 at 2:41pm — 7 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on May 18, 2012 at 11:00am — 15 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on April 27, 2012 at 5:30pm — 10 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on April 27, 2012 at 5:30pm — 2 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on April 27, 2012 at 5:00pm — 12 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on April 13, 2012 at 12:25pm — 12 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on April 12, 2012 at 12:48pm — No Comments
आज नहीं तो कल सबके ही दिन आएँगे
Added by Deepak Sharma Kuluvi on April 12, 2012 at 10:33am — 2 Comments
Added by Deepak Sharma Kuluvi on April 11, 2012 at 5:27pm — 2 Comments
एक कतरा दर्द-ए-दिल का उनके ही काम आया
Added by Deepak Sharma Kuluvi on March 28, 2012 at 3:06pm — 7 Comments
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