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 हक़ीकत

आज नहीं तो कल सबके ही दिन आएँगे
सुंदर दिखते चेहरे इक दिन बदसूरत हो जाएँगे
फिर न दिखेगी चमक दमक सब फीका हो जाएगा
ढूध के जैसा रँग गोरा कोयल सा हो जाएगा 
मलाई जैसी चमड़ी पर इतनी झुर्रियां पड़ जाएँगी
दुनियां की तो छोड़ो अपनी आँखें देख घब्रराएँगी
मेकअप.शेकअप,नखरा,स्टाइल सब यूँ ही धरा रह जाएगा
आज घूरती है दुनियाँ बेशक कल पास कोई न आएगा 
काले काले बालों पर जब सफेदी छा जाएगी
सच बतलाऊँ शक्ल-ओ-सूरत भूतनी सी नज़र आएगी
मोतियों जैसे दांतों की जगह जब बतीसी फिट हो जाएगी
राम कसम सच कहता हूँ आवाज़ निकल न पाएगी 
दर्द भरी हकीकत है यह हर हाल में यह तो  होगा
अभी संभल जाओ मौक़ा है  कल  दुःख देगा यह धोखा 
कल  दुःख देगा यह धोखा -----------
  
दीपक 'कुल्लुवी'
१२ अप्रैल २०१२.

 

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