For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

*****(श्रद्धा सुमन)*****

'दामिनी' चली गई दुनियां से 
छोड़ गई कितने सवाल
क्या लड़की होना ही था 
उसका घोर अपराध ?
जब तक फाँसी पर न लटकेंगे 
उसके अपराधी 
शांत न होगी रूह उसकी 
कब होगा इन्साफ 
कितने सपने संजोए होंगे 
कितने देखे होंगे ख़्वाब 
पूरे हुए,न रहे अधूरे 
जिंदगी ने छोड़ा साथ 
कानून की देवी की जो खुली न 
अब भी अखियाँ बंद 
तवाही मच जाएगी धरा पर 
सब हो जाएगा बर्वाद 
 
दीपक कुल्लुवी 
29 दिसंबर 2012

Views: 425

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on December 31, 2012 at 11:38am

sabka hardik dhanyabad

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on December 31, 2012 at 7:31am

उसकी कुर्बानी ब्यर्थ न जाय! न्याय हो ...यही होगी सच्ची श्रद्धांजलि!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 30, 2012 at 10:25am

जो कुछ हुआ, वो अन्दर तक हिलाकर रख दिया, ऐसा लग रहा है जैसे हम सब दिन प्रतिदिन राक्षसी समाज का निर्माण कर रहे हैं, आखिर कैसे कोई इतना बहशी हो सकता है, जरुर उन सबके खून में दानवी लहू शामिल होगा |

भगवान दामिनी की आत्मा को शान्ति दे, और हमारे तंत्र को ऐसी इच्छा शक्ति दें कि उन कमीनों को फ़ासी पर शीघ्र लटका सके |

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 29, 2012 at 6:36pm

कानून की देवी की जो खुली न 
अब भी अखियाँ बंद , कब होगा इन्साफ 

उसका शहीद होना, मानवता पर कलंक है 
प्रफ्भु उसकी आत्मा को शांति दे 
Comment by Shyam Narain Verma on December 29, 2012 at 5:07pm

BAHUT MARMIK

DHANYAWAD

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
3 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service