२१२२ २१२२ २१२
जिस्म चाँदी का हुआ अब क्या करें
उम्र निकली बेवफा अब क्या करें
इश्क़ पहला जो हुआ वो इश्क़ था
इश्क़ तो है गुमशुदा अब क्या करें
याद की अल्बम पलटकर देख ली
दिन हुए वो लापता अब क्या करें
किस तरह बच पाएगी अस्मत यहाँ
हर तरफ है खौफ सा अब क्या करें
उम्र की सारी तहें भी खोल दीं
खत मिले कुछ बेपता अब क्या करें
गुमनाम पिथौरगढ़ी
स्वरचित व अप्रकाशित
Added by gumnaam pithoragarhi on February 19, 2021 at 6:36pm — 6 Comments
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