१२२२/१२२२/१२२२/१२२२
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कभी बदनाम गलियों में भटकती हैं तमन्नाएँ,
कभी खुद की निगाहों में खटकती हैं तमन्नाएँ.
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हवस की मकड़ियाँ बुनती है दिल में जाल हसरत के,
जहाँ मौका मिला, आकर, अटकती है तमन्नाएँ.
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तमन्नाओं का अंधड़ रोक पाना है बहुत मुश्किल,
मगर दिल में बसा हो रब, ठिठकती हैं तमन्नाएँ.
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कोई इंसान जब अपनी ख़ुदी को जीत लेता है,
तो फिर क़दमों में उस के, सर पटकती हैं तमन्नाएँ.
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सफ़र जब जिस्म से बाहर का करने रूह चलती है,
चिता की…
Added by Nilesh Shevgaonkar on January 28, 2016 at 6:00pm — 16 Comments
२१२२/१२१२/२२
अपने दिल में वो राज़ रखता है,
शायरों सा मिजाज़ रखता है.
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अब सियासत में आ गया है तो
हर किसी को नवाज़ रखता है.
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बात करता है गर्क़ होने की,
और कितने जहाज़ रखता है.
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दिल से देता है वो दुआएँ जब
उन पे थोड़ी नमाज़ रखता है.
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जानें कितनों से दिल लगा होगा
दिल में ढेरों दराज़ रखता है.
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ये सदी और ये वफ़ादारी
जाहिलों से रिवाज़ रखता है.
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हर्फ़ उसके तो हैं ज़मीनी, पर
वो तख़य्युल…
Added by Nilesh Shevgaonkar on January 17, 2016 at 11:00am — 10 Comments
२१२२/२१२२/२१२२/२१२
माँगते इंसाफ़ किस से बिस्मिलों के वास्ते
अदलिया थी दिल बिछाए क़ातिलों के वास्ते.
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रास्ते आपस में उलझे, मंजिलें पिन्हा हुईं,
रास्ते गरचे बने थे मंज़िलों के वास्ते.
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साहिलों पर कश्तियाँ महफूज़ रहती हैं मगर
कश्तियाँ कब थी बनाईं साहिलों के वास्ते.
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इक निगाहे-शोख से हम ने लड़ाई थी नज़र
चंद क़िस्से छोड़ आए महफ़िलों के वास्ते.
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कुछ तेरा ग़म और कुछ अग्यार की तंज़-ओ-निगाह
और भी आसाँ हुए हम मुश्किलों के…
Added by Nilesh Shevgaonkar on January 12, 2016 at 7:30am — 12 Comments
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