ग़ज़ल -- 221 2121 1221 212
क़दमों में तेरे ख़ुशियों की इक कहकशाँ रहे
बन जाए गुलसिताँ वो जगह, तू जहाँ रहे
ज़ालिम का ज़ुल्म ख़्वाह सदा बे-अमाँ रहे
पर कोई भी ग़रीब न बे-आशियाँ रहे
आ जाए जिन को देख के आँखों में रौशनी
वो ख़ैर-ख़्वाह दोस्त पुराने कहाँ रहे
हर दम पराए दर्द को समझें हम अपना दर्द
दरिया ख़ुलूसो-मेहर का दिल में रवाँ रहे
काफ़ी नहीं है दिल में फ़लक चूमने का ख़्वाब
परवाज़ हौसलों…
ContinuePosted on November 17, 2023 at 8:30am
2122--1122--1122--22
मेरी क़िस्मत में अगरचे नहीं धन की रौनक़
सब्र-ओ-तस्लीम से हासिल हुई मन की रौनक़
एक दूजे की तरक़्क़ी में करें हम इमदाद
भाई-चारा ही बढ़ाता है वतन की रौनक़
किसको फ़ुर्सत है जो देखे, तेरी सीरत का जमाल
हर तरफ़ जल्वा-नुमा अब है बदन की रौनक़
मुश्किलें कितनी भी पेश आएं तेरी राहों में
जीत की शक्ल में चमकेगी जतन की रौनक़
ये परखते हैं ग़ज़लगो के तख़य्युल की उड़ान
सामईन अस्ल में हैं बज़्म-ए-सुख़न की…
Posted on May 17, 2023 at 10:30am — 4 Comments
1212---1122---1212---22
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फ़लक में उड़ने का क़ल्बो-जिगर नहीं रखता
मैं वो परिन्दा हूँ जो बालो-पर नहीं रखता
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न चापलूसी की आदत, न चाह उहदे ( पदवी ) की
फ़क़ीर शाह के क़दमों में सर नहीं रखता
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उरूज और ज़वाल एक से हैं जिसके लिये
वो हार जीत का दिल पर असर नहीं रखता
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मिला नसीब से जो कुछ भी, वो बहुत है मुझे
पराई चीज़ पे मैं बद-नज़र नहीं रखता
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नशा दिमाग़ पे दौलत का जिसके जन्म से हो
वो अपने पाँव कभी फ़र्श पर नहीं रखता
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वो इस…
Posted on November 16, 2018 at 3:04pm — 8 Comments
2122---2122---2122---212
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नेकियाँ तो आपकी सारी भुला दी जाएँगी
ग़लतियाँ राई भी हों, पर्वत बना दी जाएँगी
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रौशनी दरकार होगी जब भी महलों को ज़रा
शह्र की सब झुग्गियाँ पल में जला दी जाएँगी
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फिर कोई तस्वीर हाकिम को लगी है आइना
उँगलियाँ तय हैं मुसव्विर की कटा दी जाएँगी
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इनके अरमानों की परवा अह्ले-महफ़िल को कहाँ
सुबह होते ही सभी शमएँ बुझा दी जाएँगी
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नाम पत्थर पर शहीदों के लिखे तो जाएँगे
हाँ, मगर क़ुर्बानियाँ उनकी भुला दी…
Posted on November 7, 2018 at 10:22am — 15 Comments
आदरणीय दिनेश जी आपकी रचना को यह सम्मान मिलना ही था इस उपलब्धि पर आपको हार्दिक बधाई
आदरणीय दिनेश कुमार जी.
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी ग़ज़ल - सर से छप्पर ले गया को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको प्रसस्ति पत्र यथा शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
आदरणीय दिनेश जी ,आपकी सक्रियता निर्विवाद रूप से स्वीकार्य है |मेरी ग़ज़लों पर भी आपका स्नेह निरंतर बरसता रहा है |आपको महीने का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है |आपकी उत्कृष्ट रचनाओं ने मंच को साहित्य से परिपूर्ण किया है और आगे भी करती रहेगी |सादर अभिनंदन |
AADARNEE DINESH JEE
सक्रिय सदस्य चुने जाने पर आपको हार्दिक बधाई i सादर i
आदरणीय दिनेश भाई जी "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) चुने जाने पर बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें |
आदरणीय
दिनेश कुमार जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
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