For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)

आदरणीय साथियो,

सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार का विषय 'अवसर', तो आइए इस विषय के किसी भी पहलू को कलमबंद करके एक प्रभावोत्पादक लघुकथा रचकर इस गोष्ठी को सफल बनाएँ।  
:  
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98
"विषय: "अवसर" 
अवधि : 30-05-2023 से 31-05-2023 
.
अति आवश्यक सूचना:-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पाए इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता अपेक्षित है। देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद गायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आस पास ही मंडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया कतई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताये हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने/लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें। 
.    
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सकें है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)

Views: 1408

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय अरुण कुमार शास्त्री जी, आपकी रचना प्रभावी बन पड़ी है। पाठक-सदस्यों ने अपनी समझ और अपने अनुभवों के अनुसार सुझाव दिये हैं। उन पर मनन करें तो प्रस्तुतीकरण में और निखार आ जाएगा। मैं भी प्रस्तुति की अंतिम पंक्तियोंसे संतुष्ट नहीं हो पा रहा हूँ। लघुकथा की बुनावट को ये पंक्तियाँ ढीला कर रही हैं। 

बहरहाल, आपकी प्रस्तुति और उपस्थिति के लिए धन्यवाद और बधाइयाँ। 

अपना-अपना देखो (लघुकथा) :


"हैलो! कैसे हो? सुना है तुम्हारी पत्नी को लकवा मार गया?"
"ठीक-ठाक हूँ। ठीक ही सुना मित्र तुमने। मैंने कुछ को सुनाया और उन्होंने कुछ को सुनाया और कुछ ने फोन करके मुझे बताया और पूछा कि कैसे हो, सब ठीक-ठाक तो है... हालत में सुधार तो है? मैंने जवाब दे दिये... बाक़ी सब ठीक ही है!"
" और क्या दोस्त, इतना ही तो रिवाज़ रह गया है! चाह कर भी कोई किसी की वैसी असली मदद नहीं कर पाता, जैसी कि ज़रूरत होती है! बड़ा बुरा हुआ आपकी फ़ैमिली के साथ। ... और कौन-कौन आया भाभीजी को देखने?"
"आये और गये भी! कुछ पर्यटक सरीखे, कुछ नेताओं सरीखे, कुछ अभिनेताओं सरीखे और कुछ कलाकार सरीखे!"
"बस.. बस समझ गया दोस्त! सोशल वर्कर सरीखे थोड़े न मिलेंगे इस ज़माने में भैया! घबराना मत, यह दौर भी गुज़र जायेगा यार! ज़िंदगी के तज़ुर्बे हैं ये!"
"ये तज़ुर्बे ही नहीं, पैसों और रिश्तों की लेटेस्ट एम. आर. आई. जाँच है। रिपोर्ट ये है कि दौलत और अहम रिश्तों को भी लकवा मार गया!"
(मौलिक व अप्रकाशित)
___________________
(एम. आर. आई. जाँच = MRI का मतलब है मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन, जिसमें आम तौर पर 15 से 90 मिनट तक लगते हैं. ये इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर का कौन सा, कितना बड़ा हिस्सा स्कैन किया जाना है. कितनी तस्वीरें ली जानी हैं. ये रेडिएशन के बजाए मैग्नेटिक फील्ड पर काम करता है।)

आ. भाई शेख शहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर समसामयिक रचना हुई है हार्दिक बधाई।

आदाब। शुक्रिया आद. लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी। आपकी टिप्पणी से हौसला अफ़ज़ाई हुई। विलंब से लिख सका। तत्काल लिख कर पोस्ट की। आपने त्वरित टिप्पणी की। अच्छा लगा।

लघुकथा गुरु पुष्करणा जी के कथनानुसार:- जीवन में घटता प्रत्येक जीवन्त क्षण लघुकथा का कथानक हो स्कता है उसमें प्रभावोत्पादकता इतनी जबरदस्त होनी चाहिए कि पाठक सीधा लेखक के उद्देश्य तक पहुँच जाए ।

"आये और गये भी! कुछ पर्यटक सरीखे, कुछ नेताओं सरीखे, कुछ अभिनेताओं सरीखे और कुछ कलाकार सरीखे!

-कथानक का चरम बिन्दु यहीं तक होने से नेपथ्य बड़ा होता

शिल्प भाषा बढ़िया
शीर्षक पर पुन: विचार करने की आवश्यकता मुझे लग रही

आदाब। आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शक टिप्पणी हमारे लिये बहुमूल्य है हार्दिक धन्यवाद आदरणीया विभारानी श्रीवास्तव जी। शीर्षक आदि पर.विचार करूँगा।

तीक्ष्णता दो पंचपंक्तियों में (मध्य की 'सरीखे' शब्दों वाली  और अंत वाली) के नैपथ्य व अनकहे में उत्पन्न करने का प्रयास किया है।

प्रिय शेख साहिब आदाब , सुन्दर कथानक व दो मित्रों का  औपचारिक वार्तालाप मजा आया हम सभी के जीवन से जुड़े वक्तव्य । 

रचना पटल पर.आपकी उपस्थिति और.आपके द्वारा प्रोत्साहन हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय डॉ. अरुण कुमार शास्त्री जी।

आदरणीय भाई शेख शहजाद जी, सादर अभिवादन।आपकी चिर परिचित शैली में सुंदर समसामयिक रचना हुई है। हार्दिक बधाई।

रचना पटल पर समय देकर प्रोत्साहक टिप्पणी हेतु शुक्रिया जनाब तेजवीर सिंह साहिब।

आदरणीय उस्मानी जी, भागमभाग और औपचारिकता के निर्वहन को दर्शाती लघुकथा और तीक्ष्णता की आकांक्षी है।बधाइयां।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166
"  कृपया  दूसरे बंद की अंतिम पंक्ति 'रहे एडियाँ घीस' को "करें जाप…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166
"पनघट छूटा गांव का, नौंक- झौंक उल्लास।पनिहारिन गाली मधुर, होली भांग झकास।। (7).....ग्राम्य जीवन की…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166
"    गीत   छत पर खेती हो रही खेतों में हैं घर   धनवर्षा से गाँव के, सूख गये…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166
"गांव शहर और ज़िन्दगीः दोहे धीमे-धीमे चल रही, ज़िन्दगी अभी गांव। सुबह रही थी खेत में, शाम चली है…"
18 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)
"आदाब, उस्ताद-ए-मुहतरम, आपका ये ख़िराज-ए-तहसीन क़ुबूल फ़रमा लेना मेरे लिए बाइस-ए-शरफ़ और मसर्रत है,…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...
"आदाब, उस्ताद-ए-मुहतरम, आपका ये ख़िराज-ए-तहसीन क़ुबूल फ़रमा लेना मेरे लिए बाइस-ए-शरफ़ और मसर्रत है,…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...
"आदाब, उस्ताद-ए-मुहतरम, आपका ये ख़िराज-ए-तहसीन क़ुबूल फ़रमा लेना मेरे लिए बाइस-ए-शरफ़ और मसर्रत है,…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166
"सादर अभिवादन "
Friday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-166
"स्वागतम"
Friday
Samar kabeer replied to Admin's discussion खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...
"बहुत बहुत शुक्रिय: जनाब अमीरुद्दीन भाई आपकी महब्बतों का किन अल्फ़ाज़ में शुक्रिय:  अदा…"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service