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"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-16 (विषय: प्रायश्चित)

आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,

सादर नमन।
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"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के पिछले 15 आयोजनों की अपार सफ़लता के बाद "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक 16  में आपका हार्दिक स्वागत हैI प्रस्तुत है:
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"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-16
विषय : "प्रायश्चित"
अवधि : 30-07-2016-2016 से 31-07-2016 
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 30 जुलाई 2016 लगते ही खोल दिया जायेगा)
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अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
२. सदस्यगण एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
३. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
४. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
५. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
६. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
७. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
८. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
९. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें।
१०. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
११. रचना/टिप्पणी सही थ्रेड में (रचना मेन थ्रेड में और टिप्पणी रचना के नीचे) ही पोस्ट करें, गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी बिना किसी सूचना के हटा दी जाएगी I
.
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मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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Replies to This Discussion

आदरणीय समर सर, आपकी लघुकथा के लिए बस इतना ही कहम चाहूँगा... शानदार! ज़बरदस्त!! ज़िंदाबाद!!!

जनाब महेंद्र कुमार जी आदाब,इतने शब्द ही मेरा हौसला बढ़ाने के लिये बहुत हैं,सराहना के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

आदरनीय समर जी , आप जी ग़ज़ल में उस्ताद और लघुकथा में आप जी के बारे क्या कहें बधाई हो 

जनाब मोहन बेगोवाल जी आदाब,सराहना के लिये आपका धन्यवाद ।

‘गोकुल डेयरी’

 

“भैया i दयानंद के लोग आज से प्रायश्चित सप्ताह मना  रहे हैं I उपवास  रखेंगे ,अपने नेता जी की समाधि को दूध गंगाजल से धोयेंगे ,पाठ हवन करवाएंगे “I

“ये नाटक किस लिए ?”

“हम जैसे लोगों की पार्टी के साथ दो साल गठबंधन बनाया ना ,उसका प्रायश्चित करेंगे “I

“तीन दिन रुक जा I सदन में इनका अविश्वास मत गिराकर दद्दा जी जब फिर से सरकार बना लेंगे ,तब हम भी करेंगे ये नाटक “I

“हम क्यों ?”

“इन दगाबाजों पर विश्वास किया इस लिए I उपवास करेगे ,पूजन हवन करेंगे”I

“पर भैया ,समाधि की प्रॉब्लम होगी I कोई है नहीं अपने पास “I                                       

“हाँ i वो तो है I चलो पार्टी ऑफिस धुलवा लेंगे दूध गंगाजल से I वहीँ तो हाथ मिलाया था इन दगाबाजों से I दस लीटर दूध का आज ही कह देना एडवांस में गोकुल डेयरी को I”

“आपको पूरा भरोसा है कि दद्दा जी विश्वास मत जीत जायेंगे  ?”

“बिलकुल , पिछले दस दिन से इसी में लगा हूँ I रामनारायण के  पाँच वोट अपने हैं I पूरा पक्का कर लिया हर तरफ से ,बस देखता जा I कल तो उसे घर भी ले गया था I”

“उसे घर  ले गए  थे आप ii”

“ हाँ i साथ खाना खाया और फिर घर के मंदिर में ले जाकर भावुक दोस्ती यारी की बातें करीं I पक्का वचन ले  लिया है I

“मंदिर में भी ले गए उसे ii  आपको पता है ना क्या काम करते थे उसके पुरखे I अम्मा जी को पता पड़ गया तो”?

“तो क्या i अपना काम एक बार बन गया तो अम्मा जी के आगे प्रायश्चित कर लेंगे I मंदिर क्या, पूरा घर धुलवा देंगे दूध से I गोकुल डेयरी है ना I”

 

मौलिक व् अप्रकाशित

राजनीति में कुछ भी संभव है, बहुत बढ़िया रचना विषय पर| और दिखाने के लिए तो कुछ भी कर सकते हैं ये नेता, बधाई आपको इस रचना के लिए 

आपका हार्दिक आभार आदरणीय विनय कुमार सिंह जी 

आपका हार्दिक आभार आदरणीय सुनील जी 

राजनीति में स्वार्थसिद्धी के लिये कैसे कैसे हथकंडे अपनाये जाते है,फिर प्रायश्चित करना।काश दूध ज़रूरतमंद बच्चों को मिलता बधाई आद०प्रतिभा पांडे जी ।

उपवास ,धरने ,जुलूस ये सब राजनीतिक हथकंडे हैं इन पर तो विश्वास ही नहीं रहा अब किसी का वक्त पड़ा तो दलित निम्न वर्ग को खुदा मान लिया फिर शुद्धि का ढोंग कर प्रायश्चित  करेंगे  वाह्ह्ह्ह  इन दिखाओं पर जबरदस्त कटाक्ष किया है प्रिय प्रतिभा जी बहुत बहुत बधाई लीजिये |

आपको कथा पसंद आई ,मेरा लिखना सार्थक हुआ ,  आपका हार्दिक आभार आदरणीया राजेश जी 

वाह वाह, क्या कहने हैं आ० प्रतिभा पांडेय जी। प्रायश्चित करने का यह राजनैतिक अंदाज़ मुग्धकारी लगा -यानि गोकुल डेयरी ज़िंदाबाद। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

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