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samast hindi dhurandhar ,sammanniy,mahamahim mitro ko mera sadar abhinandan
मेरे महबूब सपनों से हक़ीक़त बन तू आ जाए
मेरा उजड़ा हुवॉ जीवन मेरी जाँ फिर सवर जाए
मुझे अहसास अब होने लगा है इश्क़ में तेरे
कहीं ना ज़िन्दगी तेरी ही गलियों में गुज़र जाए
जिसे हो जुस्तजू तेरी वो बेचारा किधर जाए
जिए वो ज़िंदगी अपनी या आहें भर के मर जाए
मैं अक्सर आह भरता हूँ तेरे दीदार के ख़ातिर
झलक तेरी मिले गर तो मेरा जीवन सँवर जाए
तेरी गलियों की मिट्टी भी मुझे जन्नत से प्यारी है
चले गर साथ हम दोनों मुहब्बत भी निखर…
Posted on April 22, 2016 at 10:03am — 6 Comments
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा
भौहें तनी कमान हैं क्या
इन आँखों में मैं मर जाऊँ
होंठों का तिल शान है क्या..2
तेरे तन की ख़ुशबू लेकर
फूल चमन में खिलते हैं
शायर तेरे हुशनो जवाँ की
दिल में किताबें लिखते हैं
उठी नज़र फिर झुक जाए तो
ढल जाती ये शाम है क्या
इन आँखों पे ...
तेरे लबों की बात करूँ तो
खिले कमल शर्माते हैं
तेरे क़दम जो पड़े जमी पे
शहंशाह झुक जाते हैं
तेरा खनकता स्वर गूंजा या
वीना की कोई तार है…
Posted on April 19, 2016 at 6:14pm
मेरे सपनों में अक्सर ही
आकर मुझे जागता है
गाँव मेरा मुझको फिर यारों
वापस मुझे बुलाता है
वो खलिहानों की पगडंडी
सड़क बन गई काली है
दीपक भी अब नहीं रह गए
लाइट चमक निराली है
जिनके ख़ातिर दूर गया तू
वो सब मुझे दिखाता है
गाँव मेरा ....
मिट्टी के घर नहीं रहे अब
ईंटों के माकान बने
निर्मल निश्चल दिल वाले
अब पत्थर के इंसान बने
दिन प्रति दिन उन पत्थर में
इंसान नज़र ना आता है
गाँव...
हरे भरे तालाब सूखकर खेलों के…
Posted on April 19, 2016 at 1:09pm — 3 Comments
भवदिव्य भाव मनोरमां,झन झनक झन झनकार दे
जय जयति जय जय ,जयति जय जय जयति जय माँ शारदे
कमलासिनी वरदायिनी माता हमें वरदान दे
जय जयति ........
चरणों में तेरे हैं समर्पित ज्ञान की ले याचना
वेदों का कर दो दान माते कर रहे हम प्रार्थना
माँ हम फसें मझधार में भवतारिणी तू तार दे
जय जयति.......
माँ छेड़ दो वो राग जिससे स्वरमयी धारा बहे
लोकों में तीनो मातु तेरी लोग सब जै जै कहें
स्वरदायनी माँ स्वरस्वती स्वर का हमें अधिकार दे
जय…
Posted on February 12, 2016 at 10:00am — 1 Comment
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