For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ क्षणिकाएँ : ....

कुछ क्षणिकाएँ : ....

बढ़ जाती है
दिल की जलन
जब ढलने लगती है
साँझ
मानो करते हों नृत्य
यादों के अंगार
सपनों की झील पर
सपनों के लिए

...................

आदि बिंदु
अंत बिंदु
मध्य रेखा
बिंदु से बिंदु की
जीवन सीमा

.......................
तृषा को
दे गई

दर्द
तृप्ति को
करते रहे प्रतीक्षा
पुनर्मिलन का
अधराँगन में
विरही अधर

भोर होने तक

......................

निर्जीव राहें
उदास दुआएँ
गतिहीन हवाएँ
शायद
चल दिया
एक अंत
अनंत की तलाश में


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 436

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on December 10, 2019 at 5:04pm

"आदरणीय   Samar kabeer' जी सृजन पर आपकी ऊर्जावान प्रतिक्रिया का दिल से आभार।"

Comment by Samar kabeer on December 9, 2019 at 3:10pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी क्षणिकाएँ लिखीं आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sushil Sarna on December 7, 2019 at 6:37pm

"आदरणीय   लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी सृजन पर आपकी ऊर्जावान प्रतिक्रिया का दिल से आभार।"

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 7, 2019 at 6:19am

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। बहुत अच्छी क्षणिकाएँ हुई हैं । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी वाह ! क्या कहना । हार्दिक  बधाई स्वीकार कीजिए।"
2 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी,  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका,।"
7 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका, सुझाव और प्रशंसा के लिए ।"
9 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह  और तीन मुकरियां। आदरणीय अशोक रक्ताले सर आपने तो मुकरियों की झड़ी लगा दी।  बात…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह प्रदत्त चित्र को क्या खूब शब्द मिले हैं। द्वितीय प्रस्तुति हेतु बधाई। सादर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मुझे दूर से पास बुलाता छूना चाहूँ फुर हो जाता कभी पराया कभी है अपना क्या सखि साजन?ना सखि…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना सर, प्रदत्त चित्र को सार्थक करती बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई हैं। इस प्रस्तुति हेतु…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव सर, प्रदत्त चित्र को सार्थक करती बहुत बढ़िया कह मुकरियां हुईं है। इस…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र अनुसार कह मुकरी का बहुत बढ़िया हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक रक्ताले सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। अंतिम पद कह मुकरी हो ही नहीं…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आपके मार्गदर्शन अनुसार पुनः प्रयास करता हूं।…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"     कह-मुकरी * हर दिन कितने प्रश्न छुड़ाए। मेरे मन को वह  अति भाए। देख…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service