For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल _तक़दीर आज़माने की ज़हमत न कीजिए

(मफऊल _ फाइलात _ मफाईल _फाइलुन)

तक़दीर आज़माने की ज़हमत न कीजिए |
उस बे वफ़ा को पाने की हसरत न कीजिए |

बढ़ने लगी हैं नफरतें लोगों के दरमियाँ
मज़हब की आड़ ले के सियासत न कीजिए |

जलवे किसी हसीन के आया हूँ देख कर
महफ़िल में आज ज़िक्रे कियामत न कीजिए |

आवाज़ तो उठाइए हक़ के लिए मगर
इसके लिए वतन में बग़ावत न कीजिए |

बैठा है चोट खाके हसीनों से दिल पे वो
जो कह रहा था मुझ से मुहब्बत न कीजिए |

मुफलिस के घर ही लुटते हैं अक्सर फसाद में
अख़बार पढ़ के आज का हैरत न कीजिए |

रसमे वफ़ा निभाइए तस्दीक आप भी
खाकर फरेबे हुस्न शिकायत न कीजिए |

(मौलिक व अप्रकाशित

Views: 875

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Neer on July 1, 2018 at 6:36pm

वाह वाह ,,, शेर दर शेर दाद कुबूल करें 

आवाज़ तो उठाइए हक़ के लिए मगर
इसके लिए वतन में बग़ावत न कीजिए .....  बेहतरीन 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 15, 2018 at 3:20pm

मुह तरमा रक्षीता साहिबा आ दाब, ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by रक्षिता सिंह on June 15, 2018 at 2:54pm

आदरणीय तस्दीक़ जी नमस्कार,

गजल पढकर बहुत आनंद आया..

हर शेर मुकम्मल...शेर दर शेर दाद के साथ मुबारकबाद कुबूल कीजिए ।।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 14, 2018 at 6:24pm

मुहतरम जनाब रवि साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Ravi Shukla on June 14, 2018 at 1:27pm

आदरणीय तस्‍दीक साहब बहुत बढि़या ग़ज़ल कही आपने दिली मुबारक बाद हाजिर हैै

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 13, 2018 at 8:10pm

जनाब महेंद्र कुमार साहिब  , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 13, 2018 at 8:09pm

मुहतरम जनाब आरिफ साहिब आ दाब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Mahendra Kumar on June 13, 2018 at 8:02pm

आदरणीय तस्दीक़ अहमद खान जी, लाजवाब ग़ज़ल हुई है. हर शेर ख़ूबसूरत है. दिल से ढेर सारी बधाई प्रेषित है. सादर.

Comment by Mohammed Arif on June 13, 2018 at 7:41pm

आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी आदाब,

                             बहुत ही धमाकेदार ग़ज़ल । हर शे'र कुछ कहता है । दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 13, 2018 at 3:55pm

जनाब गुम नाम साहिब, ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया | मतले के सानी मिसरे का क़ा फिया सही कर दिया है |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
4 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"श्रद्धेय श्री तिलक राज कपूर जी, आप नाचीज़ की ग़ज़ल तक  पहुँचे, आपका अतिशय आभार, …"
6 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल तक आप आये और अपना बहुमूल्य समय दिया, आपका आभारी…"
23 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका "
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय गुरमीत सिंह जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका छतरी की मात्रा गिराने हेतु आपकी चिंता ठीक…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु शकूर जी बहुत शुक्रिया आपका "
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी "
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आपका आपने वक़्त दिया मतला   "तुम्हारी…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आया सफर कब मंजिलों से याद आया।१। देखा जाये तो…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई शिज्जू शकूर जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। गिरह भी खूब हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया याद तो उन्हें भी आया और शायर को भी लेकिन…"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया इस शेर की दूसरी पंक्ति में…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service