For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राजनीति की औकात (लघुकथा)

लव कुश के मुख से रामायण का गान सुनकर लोग अचंभित थे। लोगों में बातचीत हो रही थी," अयोध्या का और श्री राम चरित का वर्णन बहुत सुन्दर किया है।"
श्री राम दरबार में सीता जी के वनवास जाने के दृष्टान्त में लोगों की आँखों से झर झर आँसू बहने लगे।
इस वृत्तांत को सुनाते हुए लव और कुश के चेहरे पर क्रोध झलक रहा था।
किसीने पूछा,"बेटा तुम क्रोधित क्यों हुए?"
लव ने प्रतिप्रश्न किया ," ये कैसा न्याय कि किसी व्यक्ति के शक करने पर राजा ने रानी को देश से निष्कासित कर दिया.....!"
सब के झुके चेहरों को देखकर श्री राम मौन ही रहे।
तब कहीं से वह धोबी आया, जिसकी वजह से ही सीता को ऐसी सज़ा मिली थी, उसने पूछा," यह पूछने वाले तुम कौन होते हो? "
"साहित्य का विद्यार्थी .... " लव ने धोबी को उत्तर दिया।
राज दरबार अब चुप था।
मौलिक एवं अप्रकाशित।

Views: 794

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nita Kasar on April 8, 2018 at 3:15pm

क़लम की ताक़त ने तख्तोंताज के ताबूत में कील ठोककर सत्ता परिवर्तन करवा दिया  है ।इतिहास गवाह है जनता ने क़लम का भरोसा किया है बधाई आद० कल्पना भट्ट जी ।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 5, 2018 at 4:30pm

एक साहित्यकार ही आईना दिखाने के हिम्मत रखता है | अच्छी लघुकथा के लिए बधाई आदरणीया  

Comment by vijay nikore on April 4, 2018 at 9:33am

आप लघु कथा अच्छी लिखती हैं। आपको हार्दिक बधाई।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on April 3, 2018 at 5:03pm

धन्यवाद आदरणीया नीलम जी |

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on April 3, 2018 at 5:02pm

नमस्ते आदरणीय समर भाई जी, आपको यह प्रयास उम्दा लगा पढ़कर ख़ुशी हुई, प्रयास सफल रहा | :) सादर| 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on April 3, 2018 at 4:59pm

धन्यवाद आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब | आपको कथा पसंद आई और सर्वश्रेस्थ लगी जानकर ख़ुशी हुई और मनोबल भी बढ़ा साथ ही दायित्व भी -/\- | सादर |

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on April 3, 2018 at 4:56pm

धन्यवाद आदरणीय अजय तिवारी जी| 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on April 3, 2018 at 4:55pm

सादर धन्यवाद आदरणीय शहजाद उस्मानी जी |

Comment by Neelam Upadhyaya on April 3, 2018 at 4:19pm

आदरणीय कल्पना भट्ट जी, नमस्कार । बहुत ही बढ़िया लघुकथा हुई है । प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on April 2, 2018 at 12:36pm

बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,बहुत उम्दा लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
10 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"श्रद्धेय श्री तिलक राज कपूर जी, आप नाचीज़ की ग़ज़ल तक  पहुँचे, आपका अतिशय आभार, …"
12 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल तक आप आये और अपना बहुमूल्य समय दिया, आपका आभारी…"
29 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका "
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय गुरमीत सिंह जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका छतरी की मात्रा गिराने हेतु आपकी चिंता ठीक…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु शकूर जी बहुत शुक्रिया आपका "
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी "
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आपका आपने वक़्त दिया मतला   "तुम्हारी…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आया सफर कब मंजिलों से याद आया।१। देखा जाये तो…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई शिज्जू शकूर जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। गिरह भी खूब हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया याद तो उन्हें भी आया और शायर को भी लेकिन…"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया इस शेर की दूसरी पंक्ति में…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service