आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
"हे कृष्ण!" युद्ध में हारा हुआ योद्धा सदा दोषी ही होता हैं वर्ना इस महायुद्ध में पूर्ण रूप से निर्दोष और निष्पापी तो कोई भी योद्धा नहीं था और ये बात आने वाली पीढ़ियाँ भी कहेंगी।" एक पौराणिक कथा को अपने ही तने बाने में बुनकर ,आपने जिस तरह प्रस्तुत किया। सराहनीय है। आपको बहुत बहुत बधाई।
आद0 वीरेन्द्र वीर मेहता जी सादर अभिवादन। इतिहास के घटनाक्रम को अपने कल्पना के आधार पर आपने बेहतरीन ढंग से लघुकथा लिखी।इस प्रस्तुति पर बधाई । सादर
पौराणिक कथा में अपनी कल्पनाशीलता से अपना तर्क रख देना भी एक आसान काम नहीं है जो आपने इस लघु कथा में कर दिखाया जिससे एक बहुत बड़ा सन्देश तथा विचारणीय मुद्दा पाठकों को दिया दिल से बधाई स्वीकारें आद० वीर मेहता जी |
बेहतरीन सृजन | हार्दिक बधाई आदरणीय वीर जी| गजब का शिल्प है| लघुकथा मुझे बहुत पसंद आई|
आदरणीय वीरेंदर वीर जी सादर एक अच्छी सन्देशपरक लघुकथा हुई है आदरणीय सादर बधाई स्वीकार करें.
//युद्ध में हारा हुआ योद्धा सदा दोषी ही होता है// बहुत ख़ूब. प्रदत्त विषय पर बढ़िया सृजन के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीय वीरेंदर वीर मेहता जी. सादर.
महाभारत के पात्रों पर आधारित एक बहुत सशक्त कथा ..प्रस्तुतीकरण भी बहुत कसा हुआ और प्रभावशाली है हार्दिक बधाई आदरणीय वीरेंद्र वीर मेहता जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |