For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्कूल में आते ही बच्चों का ध्यान मुख्य पटल पर पड़ा जिसपर लिखा हुआ था
इस माह से स्कूल प्रबन्धक कमिटी ने तय किया है कि स्वछता अभियान के तहत जो क्लास सबसे ज्यादा साफ़ मिलेगी उस क्लास को इनाम के तौर पर एक ट्रॉफी मिलेगी साल के अंत में और जो क्लास सबसे ज्यादा गन्दी मिलेगी उसको भी एक ट्रॉफी मिलेगी ।
बच्चों में एक उत्साह दिखा , पर सब सोच में पड़ गये गंदगी के लिये ट्रॉफी ! किसीको भी ये बात समझ नहीं आयी । बच्चों ने प्रयास किया कि इस बारे में जानकारी हासिल कर पायें पर इस विषय में किसीको कुछ भी नहीं पता था और न ही टीचर्स ने उनको कुछ बताया ।
खैर , सब अपने क्लास को बेहतर बनाने में लग गये। विध्यार्थी गण बेहतर से बेहतर तरीके से क्लास को सजाने में , साफ़ सुथरा रखने में लग गये । धीरे धीरे स्कूल में सफ़ाई दिखने लगी और आसपास के रहने वालों को जब इस बात का पता चला तो स्कूल के बच्चों की मिसाल देने लगे । धीरे धीरे अपने अपने घर और प्रांगण भी साफ सुथरे दिखायी देने लगे ।
इन सब से अलग स्कूल में एक क्लास ऐसी थी जिसमें कोई जाना पसंद नहीं करता था , कई बार टीचर के कहने पर वहां सफाई हो जाती पर वापिस वो के वो हाल ,जगह जगह कागज़ पड़े हुए , बच्चों के लंच का कचरा वगेरे । बाई साफ़ करती रहती थी । पर इस क्लास के बच्चे तस से मस नहीं हुए ।
साल खत्म होने को आया , अवॉर्ड मिलने का समय आ गया , सबके मन में ये प्रश्न था इनाम किस क्लास को मिलेगा ? गंदगी के लिये तो क्लास तय थी पर सफाई के लिये ?
आखिर वो समय भी आ ही गया । प्रिंसिपल सर ने अवार्ड घोषित करवाये और स्वयंने अवार्ड वितरण किये ।
अब क्या था , सफ़ाई रखने के लिये तालियों की बौछार शुरू हुई तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी । हर क्लास को किसी न किसी वजह से अवार्ड प्राप्त हुए । और गन्दी क्लास को भी जैसे की बताया गया था , एक अवार्ड प्राप्त हुआ ।
सब की ट्रॉफी पर कुछ न कुछ लिखा हुआ था । गन्दी क्लास के लिये भी लिखा हुआ था , 'स्कूल की सबसे गन्दी क्लास ' ।
अब क्या था इस ट्रॉफी को लेने क्लास का मॉनिटर को जाना था स्टेज पर , सो वो गया पर ट्रॉफी प्राप्त करते वक़्त वहां तालियों की जगह लोगों की हंसी सुनाई दे रही थी । मॉनिटर ने स्टेज से अपनी क्लास के दूसरे बच्चों की तरफ़ देखा सब की नज़रे झुकी हुई दिखी । उसको शर्मिंदगी मेहसूस हुई और वो स्टेज पर ही रो पड़ा ।
उसको रोता देख प्रिंसिपल सर ने उसके सर पर प्यार से हाथ फिराया और स्कूल को सम्बोधित करते हुए बोले , " बच्चों मैं जानता था , यही होगा पर मुझे ख़ुशी है कि देर से ही सही पर इस क्लास को अपनी गलती का एहसास हो गया है । ये अवार्ड सिर्फ सबक़ सिखाने के लिये घोषित हुआ था । उम्मीद करता हूँ की आगे से ऐसी गलती कोई न करेगा । "
धीरे धीरे हुआ यूँ की इस स्कूल की चर्चा अख़बारों में होने लगी और अपने एरिया की सबसे बेहतरीन स्कूल में इसको सम्मानित किया गया । सरकार द्वारा भी इस स्कूल को अनेको अवार्डों प्राप्त हुए ।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 757

Replies to This Discussion

आप सभी का धन्यवाद ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service