For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्वागत नव् वर्ष का .....डॉo विजय शंकर

जीना ,
जीने से बढ़ कर
जीने की इच्छा ,
इच्छा के साथ
और इच्छायें ,
आशायें , उम्मीदें।
एक आस , हर
आनेवाले दिन से ,
वर्ष से .........
स्वागत नव् वर्ष का .......
कुछ अर्पण के लिए
कुछ समर्पण के भाव लिए
कुछ नये वादों के साथ ,
कुछ दृढ़ इरादों के साथ ....
स्वागत नव् वर्ष का .......

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 583

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 17, 2017 at 11:04pm

आदरणीय डॉ. विजय शंकर जी , नववर्ष पर बहुत अच्छी रचना हुई है। इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। सादर।


Comment by Dr. Vijai Shanker on January 3, 2017 at 9:09pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , रचना की स्वीकृति हेतु आभार एवं धन्यवाद , नव वर्ष आपको सपरिवार मंगलमय हो , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 3, 2017 at 9:32am

आदरणीय विजय भाई , नये साल पर अच्छी रचना हुई है , दिल से बधाइयाँ  रचना के लिये और आपको भी नये साल की हार्दिक शुभ कामनाये

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 3, 2017 at 4:56am
प्रिय मिथिलेश वामनकर जी , रचना को स्वीकृति प्रदान करने हेतु आभार एवं धन्यवाद , नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 2, 2017 at 11:35pm

आदरणीय डॉ. विजय शंकर सर, नववर्ष पर बहुत अच्छी रचना हुई है। इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 2, 2017 at 9:31pm
आदरणीय डॉo आशुतोष मिश्र जी , रचना हेतु आभार एवं धन्यवाद , नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on January 2, 2017 at 9:28pm
आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार ,जिंदगी तो महत्वपूर्ण है ही , साथ ही जीने की इच्छा भी उतनी ही जरूरी है और वह इच्छा बलवती होती है उस परिवेश से जिसमें हम रहते हैं। आपका बहुत आभार एवं धन्यवाद और नव् वर्ष की अनेकानेक शुभकामनाएं , आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on January 2, 2017 at 9:23pm
आदरणीय महेंद्र कुमार जी , आभार एवं नव् वर्ष की अनेकानेक मंगल कामनाएं , सादर।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 2, 2017 at 8:31pm
आदरणीय विजय सर नव वर्ष का स्वागत करती इस रचना के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार करिं सादर
Comment by Samar kabeer on January 2, 2017 at 5:19pm
आली जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब,इंसानी फ़ितरत की कितनी ख़ूबी और हुनर मंदी से कविता का रूप दिया है आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें,साथ ही नये साल की मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएं ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service