For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीपावली पर कुछ दोहे ...

धनतेरस के पर्व पर, कर लें कार्य महान|

निर्धन को बर्तन करें, दान आप श्री मान||

 

दीवाली लाये सदा, खुशियाँ अपरम्पार|

खील बताशे कह रहे, हम आये हैं द्वार||

 

लक्ष्मी और गणेश की, पूजा करिए साथ|

सब पर ही किरपा करें, मेरे भोले नाथ||

 

होई करवा चौथ का, लगे अनोखा मेल|

पर्वों की अब देखिये छूटी जाती रेल||

 

इस दीवाली लग रही, फीकी सी सब ओर|

सीमा पर प्रहरी तकें, एक सुहानी भोर||

 

डाल दिये झूले सभी मन की मोटी डार I
यादें आयीं झूलने माँ आँगन कर पारII

आँखों में प्रभु बस रहे देते हैं आनन्द।
हो सुख की अनुभूति जब मिलता परमानंद।।

....आभा 

अप्रकाशित एवं मौलिक 

 

 

 

Views: 2173

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abha saxena Doonwi on November 1, 2016 at 4:46pm

आदरणीय राम बली गुप्ता जी आपने मेरी रचना पढ़ी ,सराहा मुझे अच्छा लगा ..आपकी मैं दिल से शुक्रगुजार हूँ ...

Comment by Abha saxena Doonwi on November 1, 2016 at 4:45pm

आदरणीय samar Kabeer साहब जी आपने मेरी रचना पढ़ी ,सराहा मुझे अच्छा लगा ..आपकी मैं दिल से शुक्रगुजार हूँ ...

Comment by Abha saxena Doonwi on November 1, 2016 at 4:43pm

आदरणीय sheikh Shahzad भाई आपने  मेरी रचना को  पसंद किया मैं ह्रदय से आभारी  हूँ ..शुक्रिया आपका ....

Comment by रामबली गुप्ता on October 31, 2016 at 9:06pm
सभी दोहे सुंदर प्रासंगिक और शिल्पबद्ध हुए हैं आदरणीया आभा सक्सेना जी। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।सादर
Comment by Samar kabeer on October 30, 2016 at 9:39pm
मोहतरमा आभा सक्सेना जी आदाब,दीपावली का बहतरीन तोहफ़ा दिया है आपने मंच को दोहों के रूप में,अच्छे लगे आपके दोहे,इस प्रस्तुति संग दीपावली की बधाई और शुभकामनाएं स्वीकार कीजिये ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 28, 2016 at 11:30am
धनतेरस व दीपावली पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाओं सहित इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया आभा सक्सेना जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आदरणीय रिचा जी बधाई स्वीकार करें"
22 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आदरणीय मिथिलेश जी बधाई स्वीकारें"
23 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इस ज़र्रा नवाज़ी का सहृदय शुक्रिया आदरणीय धामी सर"
28 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इस ज़र्रा नवाज़ी का सहृदय शुक्रिया आदरणीय"
29 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आपके मंच के बेहद महान आदरणीय सदस्य सौरभ जी में ये अहं नहीं तो और क्या है_ 1  समर साहब से तीन…"
34 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए आभार। इंगित मिसरे पर…"
57 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई आजी तमाम जी , सुंदर गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"बेहद दिलकश ग़ज़ल ! शानदार! ढेरो दाद।"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"//आपको फिलहाल कोई ऐसी किताब पढ़नी चाहिए जो आपका अहं कम कर सके//  आज़ी तमाम महोदय ! इस…"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"//उसकी तारीफ़ में जो कुछ भी ज़ुबां मेरी कहेउसको दरिया-ए-मुहब्बत की रवानी लिखना// वाह! नयापन है इस…"
2 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी ! अच्छी ग़ज़ल से मुशाइरा आरंभ किया आपने। बहुत बधाई! // यूँ वसीयत में तो बेटी…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हर कहानी को कई रूप रुहानी लिखना जाविया दे कहीं हर बात नूरानी लिखना मौलवी हो या वो मुल्ला कहीं…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service