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आधार चौपाई छंद

मन में पहले गुरु बैठाना
मातु शारदे को फिर ध्याना।

सच को लिखना सीख लिया है
सबको दर्पण है दिखलाना।

भाव सृजन जब हो जाये तो
उनको दुनिया तक पहुँचाना

धन की ही चाहत है सबको
ज्ञान मूल है ये समझाना।

भारत माता की महिमा को
जन जन को है हमें सुनाना

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on August 17, 2016 at 3:39pm
सादर हार्दिक आभार सँग नमन आदरणीया कल्पना दीदी
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 17, 2016 at 9:49am
अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई आदरणीय ।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on August 16, 2016 at 12:49pm
आपको प्रयास पसन्द आया,रचनाकर्म सार्थक हुआ।सादर हार्दिक आभार सँग सादर नमन वन्दनीया कांता दीदी।
Comment by kanta roy on August 16, 2016 at 11:03am

भारत माता की महिमा को
जन जन को है हमें सुनाना---देश  प्रेम की ओज लिए सार्थक  रचना है  ये  भी आपकी .बधाई  प्रेषित  है आदरणीय  सतविन्द्र  जी 

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on August 14, 2016 at 9:44pm
प्रयास पर उपस्थित होकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय सुरेश भाई जी।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on August 14, 2016 at 6:24pm
बहुत ही सुन्दर गीत आदरणीय भाई सतविंदर जी बधाई कबूल करें ।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on August 13, 2016 at 10:06pm
अनुमादन कर प्रोत्साहित करने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायण जी।सादर
Comment by Shyam Narain Verma on August 13, 2016 at 2:44pm
सुन्दर गीत रचना के लिए बधाई  सादर

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