For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122 2122 212
बादलों ने दे लिया धरना जरा
रोशनी होगी अभी रूकना जरा।1
चीड़ती लाली घटा को देख तो
है खड़ा कबसेअभी झुकना जरा।2
बात नजरों से मुकममिल हो रही
बंद ही मुख आज बस रखना जरा।3
होंठ देते हैं गवाही मौन की
आँकने का सुख अभी चखना जरा।4
है वजह कुछ बात बनने की अभी
बोलती बुत है कभी कहना जरा।5
वह शिखर से है उतरती भी कभी
बस कहूँ अपनी जगह उठना जरा।6
छिप गयी जो रोशनी तो क्या हुआ
फिर हँसेगी मत अभी रूठना जरा।7
भर रहा रस है कली में बस कहूँ
देख आती रूत अभी रूकना जरा।8
भींग जायेगी धरा ऐसी समझ
हो रही अब धुत फिजाँ छकना जरा।9
मौलिक व अप्रकाशित@मनन

Views: 515

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on February 24, 2016 at 2:28pm
आभार आपका कांता जी,जरा शाबाशी बख्शने के लिये।
Comment by kanta roy on February 23, 2016 at 9:18am
है वजह कुछ बात बनने की अभी
बोलती बुत है कभी कहना जरा।-----वाह ! क्या बात कही है आपने अपनी इस शानदार गजल में । जरा - जरा ने बहुत ही कमाल कर दिया है आदरणीय मनन कुमार जी । ढेरों बधाई आपको ।
Comment by Manan Kumar singh on February 23, 2016 at 6:51am
आभार मनोज जी।
Comment by मनोज अहसास on February 22, 2016 at 4:41pm
प्रस्तुति के लिए बधाई
सादर
Comment by Manan Kumar singh on February 21, 2016 at 11:19pm
जनाब समर जी,आदाब;सलाह मान्य है।
Comment by Manan Kumar singh on February 21, 2016 at 11:18pm
आदर योग्य मिश्रा जी,आभार।
Comment by Samar kabeer on February 21, 2016 at 3:25pm
जनाब मनन कुमार जी आदाब,ग़ज़ल में क़ाफ़िया दोष कई अशआर में नज़र आ रहा है, दूसरे शैर का सानी मिसरा में एक वचन और बहु वचन देखिये,"बुत"पुरुशलिंग है, देखिएगा !
Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 21, 2016 at 1:59pm

आदरणीय मनन जी इस रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
21 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
21 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service