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आदरणीया रीता जी, प्रदत्त विषय के अनुरूप अपने शीर्षक को सार्थक करती बहुत ही शानदार लघुकथा कही है आपने. इस प्रस्तुति पर आपको बहुत बहुत बधाई. कथा में आपने शतरंज के नियम प्यादे के विरोधी खेमे के आखिरी घर में जाने पर रानी बनने का, बहुत बढ़िया प्रयोग किया है. मुझे व्यक्तिगत तौर पर लघुकथा की शुरुआत में //गहराती रात अपने विषैले नुकीले पंजे सुधा के मानस पर हताशा और हार के रूप में जड़े जमाने लगी थी . स्वप्निल भविष्य की उमीदों से झिलमिलाती आँखे और पोर पोर में दौड़ती फुर्ती की घर में बिछ गए बिसात पर आये दिन बुनते षड्यंत्रों से प्रतिस्पर्द्धा चल रही थी .// इस वाक्यों के विन्यास पर थोड़ी उलझन लगी. ये वाक्य और स्पष्ट हो सके तो कथा का प्रवाह शानदार हो जाएगा. कथानक आपने बहुत गहन विचार के बाद तय किया है यह लघुकथा पढ़कर आभास हो जाता है. परिवारों में बेटियों की स्थिति पर पिता के ऐसे सशक्त निर्णय आवश्यक है इस सकारात्मक विचार को सन्देश के रूप में प्रेषित करती इस लघुकथा पर आपको पुनः बहुत बहुत बधाई. सादर
आदरणीय मिथिलेश जी ,आपने बिलकुल सही पकड़ा है मेरी कहानी की सोच को . बिलकुल मैं यही कहना चाहती थी . क्षमा प्रार्थी हूँ जो शुरू की पंक्तियाँ आपको उलझती प्रतीत हुई .अपनी समझ में मैंने कुछ ख़ूबसूरत शुरुआत करने का प्रयास किया था .
आदरणीया रीता जी मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार.
कमजोर और बेबस पापा आखिर ऐसे शहंशाह निकले जो सबसे कमजोर प्यादे को ही ताज दे दिया और वजीर ,हाथी मुंह तकते ही रह गए। बधाई आदरणीया रीता गुप्ता जी।
धन्यवाद कांता जी ,जीवन में कुछ शतरंजी चालें ऐसी ही होती है कि पासा पलटते देर नहीं लगती .
आदरणीय उस्मानी आभार आपका जो आपने रूचि ले कथा को पढ़ा . आपकी टिप्पणी ने हौसला बढ़ा दिया .
धन्यवाद आदरणीय नीता जी . घरवालों की शतरंजी चालें बिन माँ की बच्ची को प्यादा बना रहीं थी , धैर्य चूकने पर आखिर जन्मदाता ने उसे रानी बना अपना फर्ज पूरा किया . मैंने शीर्षक क्वीन दिया क्यूंकि हिंदी में शतरंज के खेल में इसे मंत्री या वजीर बोलते हैं ,रानी नहीं .
आदरनिय रिता जि
सतत चलते प्यादे सा आखिर सिरे पर पहुचे प्यादा सा 'वजिर/रनि' बनना
सत्कर्मो का प्र्तिफल व सत्रन्ज का अच्चा मिस्रन
बहुत बहुत अच्चि कथा
आदरणीय राजेन्द्र जी ,आभार. प्यादे का क्वीन में तब्दील होना जीवन रुपी शतरंज की ही एक चाल है . मैंने शीर्षक क्वीन दिया क्यूंकि हिंदी में शतरंज के खेल में इसे मंत्री या वजीर बोलते हैं ,रानी नहीं .
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