Tags:
Replies are closed for this discussion.
दिल से शुर्किया आदरणीया कांता दी | पुरानी रचना ही डाली पर देर से :)
का हो बहिनी , अप्रकाशित तो रेहल करा ना? नहीं तो रुलवा तो इहाँ का जरा कठिन है बुझ रहे हैं ना ??? :(((((
हा दी पता हैं इहा का रुलवा | रुलवा से भटकब न चिंता न करा | डांट खाई वाला काम नही करे
आदरणीया सविता जी बढ़िया लघुकथा हुई है हार्दिक बधाई
दिल से शुक्रिया आपका
दिल की गहराइयों से शुक्रिया आपका
शुक्रिया ..आभार आपका
अच्छी और विषयानुरूप लघुकथा है, लगता है यह मेरी नज़र से पहले गुज़र चुकी है I क्या यह रचना पहले कहीं पोस्ट तो नहीं हुई है आ० सविता मिश्रा जी ?
न भैया पोस्ट नहीं हुई ..आप भूल गये लगता हैं ये वही रचना हैं जिसका जिक्र हिंदी भवन में हम आपसे किये थे ...इसे आपने यह कह obo में पोस्ट नहीं किया था कि रचना पर मेहनत करिए ..प्लाट बहुत अच्छा हैं | काफी समय से बिना कहीं पोस्ट किये पड़ी हुई हैं | सादर नमस्ते भैया
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |