For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अतुकांत कविता : संवेदना (गणेश जी बागी)

गर्मी में भीग जाते हैं

पसीने से  

ठंढ में खड़े हो जाते हैं

रोयें...

हमारी त्वचा

तुरंत परख लेती है

मौसम परिवर्तन को

 

धूल-कण आने से पहले

बंद हो जाती हैं पलके

उन्हें पता चल जाता है

है कोई खतरा

 

सुगंध और दुर्गन्ध में

अंतर करना जानती हैं

ये नासिका

खट्टा, मीठा, तीखा सब

तुरंत भाप लेती है

हमारी जिह्वा

 

हल्की सी आहट को

पहचान लेते हैं

हमारे कान

अर्थात

सभी अंग संवेदनशील हैं

हृदय के सिवाय

 

कर्तव्य पथ में  

कभी आड़े नहीं आती

हृदय की संवेदनशीलता

चाहे कोई जले या मरे

हम हैं.....

संवेदनशील अंगों वाले

असंवेदनशील लोग

भाषण चालू है....

(मौलिक व अप्रकाशित)
पिछला पोस्ट =>लघुकथा : विरोध

Views: 1211

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Aditya Kumar on July 4, 2015 at 6:57pm

बहुत ही सही बात कहती हुयी कविता। पता नहीं इतने संवेदनशील अंगो के होते हुए भी हम कैसे असंवेदनशील व्यवहार कर लेते है।  आर्दिक बधाई आर्डरणीय अग्रज 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 4, 2015 at 4:39pm

आदरणीय बागी जी ..सम्बेदना को जगाती और चिंतन के लिए बिबश करती शानदार रचना के लिए तहे दिल बधाई सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 28, 2015 at 5:18pm

अपनी अंतिम पंक्ति से यह कविता हमें धरातल पर ला पटकती है. एक अत्यंत संवेदनशील प्रस्तुति के लए हार्दिक धन्यवाद भाई गणेश बाग़ीजी.

इस सशक्त कविता के लिए हार्दिक धन्यवाद और अशेष शुभकामनाएँ.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 26, 2015 at 7:24pm

सराहना युक्त प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय कृष्णा मिश्रा जी.

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on April 26, 2015 at 4:33pm

वाह आदरणीय बागी सर! सार्थक और कालजयी कविता! अभिनन्दन!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 26, 2015 at 11:50am

------ सराहनायुक्त प्रतिक्रिया पर दिल से आभार आदरणीय शिज्जू भाई.

------ उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु हृदय से आभार प्रकट करता हूँ आदरणीय केवल भाई.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 26, 2015 at 11:41am

काव्यात्मक अभिव्यक्ति के साथ उत्साहवर्धन करती आपकी टिप्पणी हृदय को प्रफ्फुलित कर गयी, बहुत बहुत आभार आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 26, 2015 at 11:37am

----- आदरणीया तनूजा उप्रेती जी, प्रस्तुत कविता पर सराहना युक्त प्रतिक्रिया व्यक्त करने हेतु आभार.

----- आदरणीय नीरज कुमार नीर जी, आपकी सकरात्मक प्रतिक्रिया उत्साहवर्धन करती है, बहुत बहुत आभार.

----- कविता पर सराहना युक्त प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय श्याम नारायन वर्मा जी.

----- आदरणीय मोहन सेठी जी, आपकी सकरात्मक टिप्पणी हेतु बहुत बहुत आभार.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 26, 2015 at 11:33am

आदरणीय डॉ विजय शंकर जी, इस कविता पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया दोनों का स्वागत है, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 26, 2015 at 11:31am

आदरणीया राजेश जी, आपने जिस तरह से प्रस्तुत अतुकांत कविता पर खुल कर प्रतिक्रिया दी हैं वह उत्साहवर्धन का कारक है, बहुत बहुत आभार.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
52 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
53 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
53 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
54 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
55 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
11 hours ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
14 hours ago
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service