For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शांति निकेतन का जंगल राज्य (बाल कथा)

नंदन वन के अरण्य में एक छोटा सा वन है- ‘शांति निकेतन’ यथा नाम तथा गुण। चारो तरफ शांति ही शांति। वहां का राजा था- बब्बर शेर जिसका नाम हरि ओम था। उसके राज्य में चारो ओर अमन शांति थी। हीरामन तोता, सोन चिरैया, सुनहरी कोयल, कट्टो गिलहरी, सोना हिरनी, श्यामा नीलगाय, रामू हाथी, पाखी मोर, चीकू खरगोश, गोलू भालू, आदि सभी पशु अमन चैन के दिन व्यतीत कर रहे थे। जंगल के सभागृह में कभी कोई नाँच गाने का कार्यक्रम होता तो कभी कोई भोज्य दावत। सभी बहुत हँसी खुशी से एक साथ रहते, एक ही घाट का पानी पीते और अमन चैन से जीवन व्यतीत कर रहे थे।
अचानक एक दिन राजा हरिओम अस्वस्थ हो गया उसे शिकार में परेशानी होने लगी भोज्य को तरसने लगा। तब उसने जंगल वासियों की एक सभा बुलवाई मंत्री गोलू भालू से मुनादी करवा दी और बैठक में शांति निकेतन के सभी रहवासी उपस्थित हो गये। सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया, कि वन का हर एक सदस्य प्रतिदिन राजा हरिओम को एक शिकार भोजन के लिये लाकर देगा।
राजा हरिओम दिनो-दिन बूढ़ा हो चला। शिकार करने में असमर्थ होता गया इसीलिये उसने अपनी देखरेख के लिये अपने रिश्तेदार लालू सियार को बुला लिया। लालू सियार सपरिवार अपनी पत्नि लीला, बेटी चिंकी तथा बेटा चिंकू सहित आकर निवास करने लगा। लालू सियार के आने पर भी कुछ दिन तक उस वन में अमन रहा, सभी जंगलवासी हँसी- खुशी से रहते लेकिन अचानक एक दिन हरिओम की तबियत ज्यादा खराब हो गयी और उसने अपना उत्तराधिकारी लालू सियार को बना दिया।
लालू सियार के उत्तराधिकारी बनते ही वह शांति निकेतन का वन ‘अशांति का जंगल’ बन गया लालू सियार अपनी चालाकी एंव धोखेबाजी के गुण से बाज नहीं आता था। रोज एक न एक पशु- पक्षी वन में मरा पड़ा मिलता और बिना गलती के कभी सोना हिरनी, कभी हीरामन तोता, कभी कट्टो गिलहरी आदि को अपराधी घोषित करके दण्ड दिया जाने लगा। सभी शांति निकेतन रहवासी परेशान हो उठे, विद्रोह पर उतर आये। कब तक, अत्याचार सहन करते? एक दिन सभी वनवासियों ने मिलकर सभा करने की ठानी। हीरामन तोता टाॅय-टाॅय करके पूरे जंगल में मुनादी कर आया। तुरन्त सभा आयोजित हुई। गोलू भालू ने नेतृत्व करते हुए कहा कि- अब हमारे सियार राजा के अत्याचार बढ़ रहे है। रोज नयी-नयी मांगे पेश की जाती है और हम पूरी नही करते है, तो हमारे में से ही एक न एक दंडित होता है। हमने जो गलती नहीं की; उसकी सजा हमें मिलती है। हमारे साथियों को सियार राजा के लड़के चिंकू और लड़की चिंकी मार डालते है और सजा हमे मिलती है। अतः हम सभी को एक जुट होकर राजा से बात करनी होगी। यदि राजा नही सुनेगें तो हम विरोध करेगें। सभी रहवासी एक साथ मिलकर राजा के पास गये अपनी समस्या सुनाई राजा लालू सियार ने सुना अनसुना कर दिया सभी वनवासी वापिस लौट आये।
दूसरे दिन उन सभी ने मिलकर राजा लालू सियार की गुफा को बाहर से बंद कर दिया। जिससे राजा लालू सियार का परिवार भूख प्यास से अंदर ही मर गया। सबने मिल जुलकर मंत्री गोलू भालू को अपना राजा बना लिया और शांति निकेतन मे अमन चैन छा गया।
बुरे कार्य का नतीजा भी बुरा हुआ। इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि दण्ड उसे ही दे जिसने अपराध किया है। अन्यथा जो परिणाम लालू सियार का हुआ वही हमारा भी हो सकता है।
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 1145

Replies to This Discussion

आहा ! एक सुन्दर बाल कहानी पटल पर प्रस्तुत हुई है, बचपन में ऐसी ही न जाने कितनी कहानियाँ दादी से हम सब सुनते थे और अंत इसी प्रकार कुछ न कुछ सन्देश के साथ होता था, अच्छी कहानी लगी, बहुत बहुत बधाई आदरणीया डॉ मधुमती नामदेव जी.

आदरणीया डॉ मधुमती नामदेव जी 

बढ़िया बालकहानी लिखी है आपने 

इस प्रस्तुति हेतु बधाई एवं साधुवाद 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"तू शर्बतों में ये नफ़रत की शोरिशी न मिला  ओ बाबा खीर के प्यालों में तुर्शगी न…"
12 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदाब अर्ज़ है महफ़िल-ए-मुशायरा। "
14 minutes ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"स्वागतम"
28 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service