For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दर्द भरी सौगात मिली है

दर्द भरी सौगात मिली है।
तनहाई की रात मिली है।।

तेरे दिल में महफूज़ रहा।
ऐसी कोई बात मिली है।।

जिनके कारण जग से लड़ता।
उनसे ही अब मात मिली है।।

उनकी प्यास बुझाता कैसे।
खारेपन की जात मिली है।।

दर्द को ही तकिया बनाया।
ग़मों से अब निजात मिली है।।
*************************
-राम शिरोमणि पाठक
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 759

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 29, 2014 at 9:57pm

आदरणीय राम शिरोमणि भाई , गज़ल अच्छी कही है , हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें ।  शायद आपने 22 22 22 22 बह्र मे गज़ल कही है । इस बहर की ख़ासियत होती है प्रवाह ! बस प्रवाह कहीं कहीं बाधित लग रही है ।
    

दर्द बनाया जब से तकिया

Comment by ram shiromani pathak on December 29, 2014 at 9:26pm
आदरणीया माहेश्वरी जी हार्दिक आभार।।सादर
Comment by Maheshwari Kaneri on December 29, 2014 at 7:51pm

बहुत सुन्दर राम शिरोमणि जी

Comment by ram shiromani pathak on December 5, 2014 at 10:31am
Adarneey shardindu Ji utsaah vardhan hetu bahut aabhar///saadar

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on December 2, 2014 at 10:21pm
भाई राम शिरोमणि जी, बहुत बढ़िया...आपकी लेखनी निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर हो रही है. शुभकामनाएँ.
Comment by ram shiromani pathak on December 1, 2014 at 3:31pm
आदरणीय गोपाल नारायण जी आभार आपका।।सादर
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 1, 2014 at 10:18am

उम्दा i बेहतरीन  i क्या बात है ?

Comment by ram shiromani pathak on November 30, 2014 at 4:43pm
बहुत बहुत आभार आदरणीय गणेश जी।।सादर

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 30, 2014 at 4:37pm

//दर्द को ही तकिया बनाया।
ग़मों से अब निजात मिली है।।//

आहा ! बहुत बढ़िया, आपकी ग़ज़ल का स्तर बहुत ऊपर आ गया भाई जी, बधाई स्वीकार करें।

Comment by ram shiromani pathak on November 29, 2014 at 3:17pm

आदरणीय हरी प्रकाश जी  बहुत बहुत आभार आपका 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
3 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
7 hours ago
Profile IconSarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service