For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तो फिर बात ही क्या थी

सफ़र तय किये हमने मोहब्बत में साथ चलकर
इश्क़ में बुने सपने तुम्हारे साथ जो मिलकर
हकीक़त हो गये होते ,तो फिर बात ही क्या थी
होते तुम हमारे साथ ,तो फिर बात ही क्या थी |

राह कांटों भरी मोहब्बत की फिर भी चल दिए हम तुम
मिले जो दर्द ज़माने से उसे भी सह लिए हम तुम
जहाँ देता न ये दर्द ,तो फिर बात ही क्या थी
होते तुम हमारे साथ ,तो फिर बात ही क्या थी |

तेरे ख्वाबों का वस्त्र धारण कर लिया मैंने
तेरी चाहत रूपी शस्त्र धारण कर लिया मैंने
स्वीकृत शस्त्र किया होता ,तो फिर बात ही क्या थी
होते तुम हमारे साथ ,तो फिर बात ही क्या थी |

कभी आंसूं ,कभी जहर,जब भी दिया तुमने
बिना सोचे समझे सब कुछ पी लिया हमने
अमर होते गरल पीकर ,तो फिर बात ही क्या थी
होते तुम हमारे साथ ,तो फिर बात ही क्या थी |

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 519

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by maharshi tripathi on November 11, 2014 at 7:48pm

आप सभी का हार्दिक  अभिनन्दन |आशीर्वाद दे के इससे अच्छा लिख सकूं |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 11, 2014 at 8:56am

आ. त्रिपाठी जी , बढ़िया रचना हुई है , बहुत बहुत बधाइयाँ ।

Comment by maharshi tripathi on November 11, 2014 at 12:47am
आप सभी को स्नेह एवं प्यार देने के लिए ,सुक्रिया |

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 10, 2014 at 11:26am

बढ़िया रचना के लिये बधाई।

Comment by ram shiromani pathak on November 9, 2014 at 2:23pm

सुन्दर प्रस्तुति  आदरणीय  भाई //हार्दिक बधाई आपको 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 9, 2014 at 10:44am

तो फिर बात ही क्या थी का अंतिम बंद बहुत सुंदर बन पडा है -

कभी आंसूं ,कभी जहर,जब भी दिया तुमने
बिना सोचे समझे सब कुछ पी लिया हमने
अमर होते गरल पीकर ,तो फिर बात ही क्या थी
होते तुम हमारे साथ ,तो फिर बात ही क्या थी |------बहुत खूब | सुंदर रचना के लिए बधाई  

Comment by umesh katara on November 9, 2014 at 8:20am

waaaaaaah 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 8, 2014 at 5:44pm

सुन्दर रचना के लिये  बधाई i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
40 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
15 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
17 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service