For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- सारथी || बेख़ुदी में पुकारा करेंगे ||

बेख़ुदी में पुकारा करेंगे 

बोल कैसे गुजारा करेंगे /१

आज उनसे निगाहें लड़ीं हैं 

आज जश्ने-बहारा करेंगे /२ 

शोरगुल में कहाँ बात होगी 

कनखियों से इशारा करेंगे /३

बेतहाशा हसीं आप हैं जी 

रोज सदके उतारा करेंगे /४ 

देखना हमसे मिलकर गये हैं 

आईने को निहारा करेंगे /५ 

...........................................
सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित

अरकान: २१२ २१२ २१२२

Views: 688

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Saarthi Baidyanath on November 15, 2014 at 5:53pm

बहुत बहुत धन्यवाद मान्यवर श्री  Saurabh Pandey जी ! सादर प्रणाम ! :)


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 13, 2014 at 11:02pm

देखना हमसे मिलकर गये हैं 

आईने को निहारा करेंगे ...

वाह ! दाद कुबूल कीजिये भाई बैद्यनाथजी

Comment by Saarthi Baidyanath on November 2, 2014 at 4:00pm

जनाब  ram shiromani pathak साहब , बेहद शुक्रिया ! सब स्नेह है आपका ! साथ बने रहिएगा - आपका :)

Comment by Saarthi Baidyanath on November 2, 2014 at 4:00pm

आदरणीय somesh kumar जी , हार्दिक आभार ! हिम्मत देने का बहुत बहुत शुक्रिया ...सादर :)

Comment by ram shiromani pathak on November 2, 2014 at 10:28am
वाह वाह वाह दिल खुश कर दिया आपने।।हार्दिक बधाई आपको
Comment by somesh kumar on November 2, 2014 at 9:26am

खुबसुरत गज़ल के लिए बधाई 

Comment by Saarthi Baidyanath on November 1, 2014 at 10:26pm

आदरणीया rajesh kumari जी , आपका स्नेह पाकर हर्षित हूँ ! स्नेह देते रहिएगा- विनीत नमन सहित :)

Comment by Saarthi Baidyanath on November 1, 2014 at 10:24pm

मान्यवर  गिरिराज भंडारी जी , सादर नमन ! प्रोत्साहन हेतु बहुत बहुत आभार व्यक्त कर रहा हूँ ! आपका- सारथी :)

Comment by Saarthi Baidyanath on November 1, 2014 at 10:24pm

आदरणीय जितेन्द्र 'गीत' जी , बहुत बहुत धन्यवाद ! आपका स्नेह , दिल को बहुत भाता है ! सादर प्रणाम ! :)

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 1, 2014 at 10:00am

वाह! क्या खुबसूरत गजल कही है आपने आदरणीय बैद्यनाथ जी. हर एक शेर तारीफ़ के काबिल, तहे दिल से   बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service