For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये क्या हो रहा है
ये क्यों हो रहा है
नकली चीज़ें बिक रही हैं
नकली लोग पूजे जा रहे हैं...
नकली सवाल खड़े हो रहे हैं
नकली जवाब तलाशे जा रहे हैं
नकली समस्याएं जगह पा रही हैं
नकली आन्दोलन हो रहे हैं
अरे कोई तो आओ...
आओ आगे बढ़कर 
मेरे यार को समझाओ
उसे आवाज़ देकर बुलाओ...
वो मायूस है
इस क्रूर समय में
वो गमज़दा है निर्मम संसार में...
कोई नही आता भाई..
तो मेरी आवाज़ ही सुन लो 
लौट आओ
यहाँ दुःख बाटने की परंपरा है..
यहाँ सांझा चूल्हे की सेंक है....
तुम एक बार अपने फैसले पर दुबारा विचार करो...
मेरे लिए...
हम सबके लिए.....

(मौलिक अप्रकाशित) 

Views: 414

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 1, 2013 at 5:02pm

आज के तथाकथित विकास और बदलाव से मिथ्याचरण और ढकोसला को जिसी इज़्ज़त मिली है कि सार्थक लेकिन भावुक परंपरायें हाशिये पर जाती स्पष्ट दिख रही हैं. कवि-हृदय की सच्चाई इसे देख भी पाती है और छटपटाती भी है. आँगन तक एकसार नहीं रह गये हैं. किसी उम्मीद की तरह प्रस्तुत हुई यह कविता यह घोषणा करने में सक्म अवश्य हुई है कि काग़ज़ी माहौल के तारी होने के बावज़ूद सबकुछ काग़ज़ी नहीं हुआ है. 

हृदय से बधाइयाँ आदरणीय

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 4:46pm

सुंदर रचना //बहुत बहुत बधाई 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 26, 2013 at 11:52pm

सुंदर सशक्त रचना, बधाई स्वीकारें आदरणीय अनवर साहब

Comment by रविकर on September 26, 2013 at 5:26pm

नकली जब नकलेल हो, नक्शा बदले बैल |
नकली हो प्रश्नोत्तरी, नकली नेता रैल |
नकली नेता रैल, बात पूरी कह डाली |
उनके मन का मैल, बनाये उन्हें बवाली |
साधुवाद श्रीमान, विषय लाते हो असली |
भाव कथ्य उत्कृष्ट, जगत मिथ्या अब नकली |||

Comment by annapurna bajpai on September 26, 2013 at 1:11pm

सुंदर रचना , बधाई आपको । 

Comment by Abhinav Arun on September 26, 2013 at 3:51am

सुन्दर सशक्त अनवर साहिब !!

Comment by Sarita Bhatia on September 25, 2013 at 11:19pm

बहुत खूब आदरणीय 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
7 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
7 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
9 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
10 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service