For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या पता सावन भी किसी के लिए रोता होगा

देख कर सावन को
आँखे भर आती हैं
क्या पता सावन भी
किसी की याद मे रोता होगा
मेरी ही तरह करता होगा
इंतज़ार किसी का ….
टूट जाने पर वादा
मेरी ही तरह रोता होगा
क्या पता सावन भी
सावन में किसी के लिए
तरसता होगा ………
करके वादा गया होगा कोई
लौट कर आऊंगा उस महीने में
जिसमे बरसात होगी ……
ऐ मेरे चाहने वाले
अब तो तुमसे
बरसात में ही मुलाक़ात होगी
टूटता होगा वादा तो
दिल भी टूट जाता होगा
दर्द के रहम-ओ-करम से फिर
महीने भर सावन भी
नीर बहाता होगा  …
क्या पता मेरी ही तरह सावन भी
सावन में किसी के लिए
तड़पता होगा ………….!!!



मौलिक व अप्रकाशित रचना

सोनम सैनी

Views: 542

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sonam Saini on August 1, 2013 at 10:35am

जीतेन्द्र जी, आशुतोष मिश्रा जी, जवाहर सर व महिमा जी आप सभी का रचना को  लिए धन्यवाद।

Comment by Sonam Saini on August 1, 2013 at 10:32am

धन्यवाद अभिनव अरुण जी

Comment by MAHIMA SHREE on July 31, 2013 at 11:07pm

अब तो तुमसे
बरसात में ही मुलाक़ात होगी
टूटता होगा वादा तो
दिल भी टूट जाता होगा
दर्द के रहम-ओ-करम से फिर
महीने भर सावन भी
नीर बहाता होगा  … क्या बात है प्रिय सोनम जी ...बहुत ही सुंदर ...बधाई आपको

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 31, 2013 at 9:20pm

टूटता होगा वादा तो 
दिल भी टूट जाता होगा 
दर्द के रहम-ओ-करम से फिर 
महीने भर सावन भी 
नीर बहाता होगा  … 

क्या पता मेरी ही तरह सावन भी 
सावन में किसी के लिए 
तड़पता होगा ………….!!!

जरूर रोता होगा!....

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 31, 2013 at 4:46pm

sonam jee ..bhavo se bharee is shandaar rachna ke liye badhayee sweekarein 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 29, 2013 at 12:14am

सुंदर भावनाओं से ओतप्रोत रचना प्रस्तुति पर, हार्दिक बधाई..आदरणीया सोनम जी

Comment by Abhinav Arun on July 28, 2013 at 9:19pm

मन के सहज मधुर भावों की अभिव्यक्ति करती रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया सोनम जी ! वर्षा ऋतू और अंतर ध्वनि बूंदों से निश्छल प्रकट हुए है ...साधुवाद और शुभकामनायें बहुत बहुत !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service