For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सनातन भाव : दोहे (श्रीमद् भगवत गीता के कुछ श्लोकों का भावानुवाद)

(लम्बी बीमारी के कारण बाबा जी के स्वर्गवासोपरान्त अन्त्येष्ठादि कर्म से निवृत्त हुआ हूँ किन्तु मन में एक अजीब से अकुलाहट है, इसे दूर करने के लिये श्रीमद्भगवत गीता जी का आश्रय ले रहा हूँ। ये कुछ दोहे श्री गीता जी के ही भावानुवाद हैं। इतने दिनों तक मंच से दूर रहने के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ। मैं इसी कारण हल्दवानी कार्यक्रम में भी नहीं जा सका। कष्ट के लिये खेद है।)
*****************************

जीर्ण वस्त्र नर त्याग कर, धारे यथा नवीन।
त्याग जीर्ण तन प्राण भी, नव में होता लीन॥

सुख दुख में नित सम रहे, लाभ हानि में एक।
जीत हार में एक सम, माने सदा विवेक॥

सब जीवों में लख मुझे, मुझसे विलग न कोय।
जो सब में मुझको लखे, सो मुझ सम ही होय।

फल की इच्छा मत करो, करो किन्तु निज कर्म।
यथा कर्म फल हो तथा, यही सृष्टि का मर्म॥

निष्ठित हो निज कर्म में, त्यागें व्यर्थ विलाप।
कर्मयोग श्रेयस सदा, कायरता अभिशाप॥

दृष्टिहीन जब राष्ट्रपति, मौन सत्य अरु न्याय।
इनकी भाषा में इन्हें, प्रति उत्तर ही न्याय॥

वारण हेतु अधर्म तुम, धारो भारत अस्त्र।
दुश्शासन से दिख रहा, इंद्रप्रस्थ है त्रस्त॥

Views: 2451

Replies to This Discussion

भावानुभव और संज्ञान के सापेक्ष आपकी अभिव्यक्ति सहज है. आपकी सोच और दैनिक व्यवहार को संबल तथा लेखिनी को सामर्थ्य मिले.

कर्मक्षेत्र में उत्तरोत्तर व्यवस्थित होते हुए अनवरत बरतना ही कर्मयोग है.

बहुत अच्छे दोहे छंदों के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद. 

शुभम्

गुरुदेव आपका आशीर्वाद सम्बल स्वरूप है। विषाद के क्षणों में श्रीगीता जी से दिव्य- अनुभव प्राप्त हुआ। नित्य अध्ययन- मनन से कुछ अनुत्तरित प्रश्नों का हल भी मुझे मिला। जिसे यथा समय साझा करूंगा। इन दोहों में मेरा कुछ भी नहीं है। सर्वस्व उसी अचिंत्य का है। ॐ तत्सत्।

भाई विंध्येश्वरीजी, यह वस्तुतः सही है कि श्रीमद्भग्वद्गीता मात्र सांत्वना के शब्द ही नहीं बल्कि अपेक्षित उत्तरदायित्व की पूर्णता हेतु आवश्यक आत्मबल भी देती है. जीवन में सत्कर्म के लिए उत्प्रेरित करती है.

आप इस सनातन सत्य के विभिन्न पक्षों को आत्मसात कर, पद्यात्मक प्रारूप में साझा करें, इसकी प्रतीक्षा है.

शुभ-शुभ

प्रिय विन्ध्येश्वरी जी 

इस कठिन समय में ईश्वर आपको संबल प्रदान करे!

श्रीमद भागवत का सार भाग आत्मसात कर आपने जिस सांद्रता से इन दोहों को गढा है उन पर ह्रदय नत है...हर दोहा हर चरण शब्दशः गहनता से महसूस करके लिखा गया है...इस लेखनी के लिए आपको शुभकामनाएं.

शुभ हो 

आदरणीया प्राची दीदी! आपका पूर्ववत् स्नेह, प्रेम, दुलार पाकर मन आकंठ गदगद है। जो क्षणिक दुखद क्षण में सम्बलवत है। आपने इन दोहों को सराहा आपका हार्दिक आभार।

विन्ध्येश्वरी भाई जी पहले तो आपका आभार कि आपने भगवतगीता के ज्ञान से हम सबको परिचित कराया। यह एक ऐसा ग्रन्थ है जो व्यक्ति को संबल प्रदान करने के साथ राह भी दिखाता है। जीवन की तमाम अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने में यह ग्रन्थ सहायक है।
आपके दोहे बहुत ही सुन्दर हैं। आपको हार्दिक बधाई इसके लिए।
आप अपनी व्यस्तताओं और दायित्वों से निवृत्त होकर इस मंच को सतत समय प्रदान करें इसकी मुझे प्रतीक्षा है।
सादर!

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर "
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . विरह
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर ।  नव वर्ष की हार्दिक…"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .शीत शृंगार
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी । नववर्ष की…"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . दिन चार
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।नववर्ष की हार्दिक बधाई…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . दिन चार
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .शीत शृंगार
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।।"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-117
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लेखन के विपरित वातावरण में इतना और ऐसा ही लिख सका।…"
Dec 31, 2024

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service