For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तबादला

तबादला कोई खौफ नहीं,

नियमित घटना है,

रहो सदा तैयार इसके लिए,

यह नौकरी का हिस्सा है ।

 

कभी पसंद का,तो कभी मुश्किल का होता है,

कभी सुख तो कभी दुख देता है,

परिवर्तन संसार का नियम है यारो,

तबादले को खुशी से अपनालों यारो ।

 

बेमौसम तबादले तकलीफ़ देते हैं,

पत्नी बच्चों को परेशान करते हैं,

पर कट जाता है समय धीरे-धीरे,

थोड़ा संघर्ष सिखाते हैं तबादले ।

 

जरूरी नहीं की अपनी चाहत फले,

जिद नुकसान दे सकती है,

क्या छिपा है भविष्य गर्त में,

इसको तुम जानते नहीं ।

 

मजबूरी में,विनम्रता से निवेदन करो,

पर मत गिड्गिड़ाओ किसी से ,

इज्जत स्वाभिमान से बड़ा,

नहीं हो सकता, कोई तबादला ।

 

समस्या है सबके जीवन में,

इस बात को समझा करो,

बिना वजह हर तबादले में,

बॉस के सामने मत रोया करो ।

Views: 421

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by akhilesh mishra on December 3, 2012 at 3:28pm

धन्यवाद रकटले जी ,हौशला बढ़ाने के लिए ।

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 1, 2012 at 9:23am

समस्या है सबके जीवन में,

इस बात को समझा करो,

बिना वजह हर तबादले में,

बॉस के सामने मत रोया करो ।

तबादले कि समस्या और स्वाभिमान पर आपकी यह प्रस्तुति वाह!बहुत सुन्दर है मगर मीरा कि ये पंक्तियाँ भी उतनी ही सत्य हैं  "घायल कि गति घायल जाणे, जिस दिन घायल होय" 

Comment by shalini kaushik on November 26, 2012 at 11:45pm
मजबूरी में,विनम्रता से निवेदन करो,

पर मत गिड्गिड़ाओ किसी से ,

इज्जत स्वाभिमान से बड़ा,

नहीं हो सकता, कोई तबादला ।
bahut sahi kaha akhilesh ji .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
6 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
7 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
7 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
43 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
43 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
46 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आपका टिप्पणी व सुझाव के लिए हार्दिक आभार। एक निवेदन है कि — काम की कोई मानता…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है।  ग़ज़ल 2122 1212 22 .. इश्क क्या…"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम चंद गुप्ता जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service