For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या केजरीवाल का ये तरीका सही है ?

क्या केजरीवाल का ये तरीका सही है ?

अक्सर मन में विचार आता है कि क्या अरविन्द केजरीवाल द्वारा लगातार ढूंढ ढूंढकर भ्रष्ट नेताओं को निशाना बनाना व् आरोपों की झड़ी लगाने का तरीका सही है ?सभी जानते हैं कि राजनीति एक दलदल है और इसमें लगभग सभी नेता गहरे तक समाये हैं .भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए भारतीय राजनीतिज्ञों में से ढूंढकर जो वे आरोपों प्रत्यारोपों द्वारा अपना स्थान बनाना चाह रहे हैं क्या वह हमारे देश से भ्रष्टाचार को हटाने में कारगर साबित हो पायेगा ?सभी जानते हैं कि अधिकांश राजनीतिज्ञ भ्रष्टाचार में घिरे हैं ऐसे में जहाँ तक मेरा विचार है केजरीवाल ये सही नहीं कर रहे हैं .इस तरह वे अपने व्यक्तित्व को उबाऊ रूप दे रहे हैं धीरे धीरे इस तरह उनके भाषणों से लोगों  को ऊब महसूस होगी और वे हंसी का रूप ले लेंगे .आज अगर  वे सच्चे इरादे से भ्रष्टाचार रुपी बुराई से देश को निजात दिलाना चाहते हैं तो उन्हें अपने को साबित करना होगा वैसे वे स्वयं को अपनी सिविल सर्विस द्वारा भी साबित कर सकते थे .उदाहरण के लिए ''खेमका '' को ही देखिये जिनकी 20 साल की नौकरी में ४० तबादले हुए और आज भी वे कर्मठता व् ईमानदारी से कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं .ऐसे ही केजरीवाल के हाथ में भी ये शक्ति आई थी लेकिन चलिए उन्होंने  इसे त्याग कर राजनीति के पथ पर आगे बढ़ भ्रष्टाचार का मुकाबला करने को ज्यादा शक्तिशाली पथ ढंग माना और उसमे आगे बढ़ अपनी हिम्मत से राजनीतिज्ञों को नाकों चने चबाने को मजबूर किया .आज उन्हें जन समर्थन प्राप्त है और इसे वोट में तब्दील करना होगा और फिर  उन्हें  चुनाव जीतकर भ्रष्टाचार का जड़ से विनाश करने में पूर्ण सहयोग दे जनता को दिखाना होगा कि वे उनके सपनों से खेलने वाले नहीं बल्कि साकार करने वाले हैं .इसलिए आज उन्हें ये आरोप -प्रत्यारोप की आग उगलनी छोडनी होगी क्योंकि ये जो आज सबको काट कर फैंक  रही है कल उनकी अभिव्यक्ति के धार को ही काट कर रख देगी .क्या आप भी यही मानते हैं ?

                                शालिनी कौशिक 

Views: 1462

Reply to This

Replies to This Discussion

राजनीति में प्रवेश करने के बाद ही केजरीवाल की असली परीक्षा शुरू होगी .बाहर बैठकर कुछ भी कह देने मात्र से अपनी ईमानदारी पर मुहर नहीं लगाई जा सकती है .

शिखा जी आप सही  बात  पर  पहुँच  रही हैं .बाहर बैठकर  शोर मचाना आसान है किन्तु जब अन्दर पहुँचते हैं तब सच्चे मन के व् ईमानदार होते हुए भी बहुत से नेता इसके दलदल में फंसते गए हैं बहस में हिस्सा  लेने हेतु आभार 

शालिनी जी, मेरे विचार से केजरीवाल कुछ गलत नहीं कर रहे हैं, सफ़ेद कपड़ों पर लगे श्याह धब्बों को दिखाने में वो कामयाब हैं, अब जरुरत यही हैं कि जिन मामलों को वो सामने ला रहे हैं उन आरोपों को सिद्ध करें और न्यायालय में मामले को ले जाकर आरोपितों को सजा दिलाएं, वरना सड़क की बात सड़क तक सिमट कर रह जायेगी, साथ में यह भी कहना चाहूँगा कि एक साथ कई मामलों को उठा देने से जनता का ध्यान बँट जाता है, इसलिए उन्हें महत्वपूर्ण खुलासों को सामने लाना चाहिए और परिणति तक ले जाना चाहिए |

प्रशासनिक सेवा में रह कर केजरीवाल एक दायरे में ही काम कर पाते और वही स्पष्टीकरण, स्थानांतरण आदि में उलझे रहते |

बिलकुल सही कहा आपने गणेश जी अरविन्द केजरीवाल को महत्वपूर्ण खुलासों  पर ध्यान केन्द्रित करते हुए जिस मामले को सामने  लायें उसे साबित कर ही आगे बढ़ना चाहिए ऐसे कई मामले उठाने से कहीं भी प्रभाव वे नहीं ला पाएंगे.और सभी मामले अधर में लटक जायेंगे  .बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार 

पिछले साठ  से अधिक वर्षों में हमें मुलम्मो की चमक देखने की आदत हो गयी है और चूँकि सभी में विकल्प देने और साहस  से आगे आकर बोलने का अभाव होता है इस लिए पथ्थरों को देव मानने की प्रवृति पनप जाती है । अब समय बदल रहा है और इस बदलाव के संवाहक बने है श्री केजरीवाल सरीखे व्यक्ति । एक बारगी किसी के प्रयासों को खारिज भी कर देना ठीक नहीं । राजनीति के साथ खिचड़ी शब्द की जोड़ी सही बैठती है यह पकते पकते पकती है समय की डोर पर नज़र रखिये और बदलाव में सहभागिता बनाईये । सुख भरे दिन ज़रूर आयेंगे ।

i become surprised  when people say one can not reform the society, polity or system, unless you are there or get involved the polictics or contest elections ,in the last lose the election becuase you lack the money , muscles management to fight against these vicious people ,,,,,most of the people give a reason -------" you are not able to appease your stomach unless you eat yourself " to me it is truly ridiculous ,,,the corrupt politicians know they have money , muscle, management & , you can not penetrate their forts ( they erected by way of scams, huge embazzements in the government funds etc ) provided you have more money, more powerful muscles, efficient management (to grease  the system, bribe offiicals,  to polarize the massess etc ) they try to instigate people  like KEJARIWAL saab ,they know once he loses the elections masses will no longer listen to his voice,,, ,,,,ARUN JI RIGHTLY SAID ,,,,,let the things come , get their place , watch them  , have the faith & your contribution in the change to come , the days we cherish we long shall surely come ,,,,,,,,,""""when "" I ""vote I know I alone cannot change the system ,,,but when WE  vote WE can change the system without getting involved the politics directly

        

अजय जी किसी ने कहा है मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल की तरफ लोग साथ आते गए और काफिला  बनता  गया  किन्तु केजरीवाल को इस काफिले  को संभालना  भी आना  चाहिए वर्ना   इसके  हश्र  अन्ना आन्दोलन की तरह होने वाला है और एक देश भक्त होने के नाते मैं नहीं चाहती की इस पुनीत कार्य का ये हाल हो.बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार 

अरुण जी आप सही कह रहे हैं की एक बार में ही किसी के प्रयासों को नकारना सही नहीं है किन्तु प्रयास सही दिशा में और सफलता के साथ किये जाने चाहिए.अरविन्द जी जिस तरह रोज नए खुलासे कर रहे हैं और साबित करने के नाम पर कुछ नहीं कर रहे हैं ऐसे में इनसे बोरियत पैदा हो रही है जो की देश में भ्रष्ट लोगों को बड़ी राहत देने की बात है .खिचड़ी पकते  पकते पकती है किन्तु ज्यादा पकने पर जल भी जाती है ये ध्यान तो केजरीवाल को रखना ही होगा.बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार 

कम से कम कुछ जांबाज लोगों ने सोई जनता को जगाने का काम तो किया कोई अच्छी ईमारत भी बनती है तो पहले वहां बिछे कूडे करकट को या तो जला दिया जाता है या नीव में दफना दिया जाता है आशा है मेरे कहने का आशय समझ में आ गया होगा शालिनी जी तरीका कोई भी हो अच्छे मकसद के लिए हो रहा है तो हमें उनका समर्थन करना चाहिए अगर वो सरकार बनाना भी चाह रहे हैं तो उसमे बुरा क्या है एक नया विकल्प तो खुल रहा है जनता के पास उनको भी मौका देना चाहिए

राजेश जी किन्तु ये भी तो सही है की केजरीवाल अपने खुलासों को महज रद्दी की टोकरी के लिए न रखें जिस तरह से वे रोज नए खुलासे कर रहे हैं उनके बारे में यही विचार धारा जनता में पनप  रही है जनता का मानना है की ये जल्द ही ठन्डे बसते में चली जाएगी उन्हें अपनी कार्यप्रणाली तो सुधारनी होगी देश नए हाथों में जाये ये सही है दमदार हाथों में हो तो देश व् जनता दोनों का भला होगा नहीं तो चार दिन की चांदनी वाला ही हाल होगा .बहस में हिस्सा लेने हेतु आभार 

मेरा मानना है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष में केजरीवाल जी की नीयत भले ही नेक हो लेकिन उनके काम करने के तरीके से मैं सहमत नहीं हूँ . वे राजनीती छींटाकशी में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं जिससे असली मुद्दा दबता जा रहा है। उन्हें समझना चाहिए कि किसी को बार बार चोर कहने से बंदा खुद साधू नहीं हो जाता।  अगर उन्हें अपना क़द बुलंद करना है तो उन्हें स्व जय प्रकाश नारायण की जनक्रांति से सबक सीखना होगा । तहलका डॉट कॉम की तरह केवल मामले को सेंशेशनेलाइज करके वक़्त गंवाना उनकी अपनी निजी साख को भी भयंकर हानि पहुंचा सकता है।

क्रांति लाने के लिए किसी एक मकसद पर (जैसे भ्रष्टाचार उन्मूलन) ध्यान केन्द्रित कर, जनसमर्थन जुटाना आवश्यक है । देश की अधिकांश जनता दो बड़े दल कांग्रेस और भा ज पा में से किसी एक का समर्थन और दुसरे का विरोध करती है । अब यह देखना चाहिए की ज्यादा
भ्रष्टाचार/घोटाले कहाँ है, जिस पर फोकस किया जावे । एक बार पूरी ताकत के साथ एवेम जनक्रांति हेतु जन समर्थन प्राप्त करने के लिए ही प्रयास करना चाहिए । वर्ना सभी दल और उनकी समर्थक जनता का विरोध सहकर सफलता प्राप्त नहीं की जा सकेंगे । आदरणीय अन्ना
हजारे और बाबा रामदेव का भी यही कहना है । साथ ही स्वामी सुब्रमण्यम जैसे कानूनविद का सहयोग भी वांछित है ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। यह गजल इस बार के मिसरे पर नहीं है। आपकी तरह पहले दिन मैंने भी अपकी ही तरह…"
1 minute ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल कुछ शेर अच्छे हुए हैं लेकिन अधिकांश अभी समय चाहते हैं। हार्दिक…"
8 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई महेंद्र जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल से मंच का शुभारम्भ करने के लिए हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

आंचलिक साहित्य

यहाँ पर आंचलिक साहित्य की रचनाओं को लिखा जा सकता है |See More
4 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हर सिम्त वो है फैला हुआ याद आ गया ज़ाहिद को मयकदे में ख़ुदा याद आ गया इस जगमगाती शह्र की हर शाम है…"
4 hours ago
Vikas replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"विकास जोशी 'वाहिद' तन्हाइयों में रंग-ए-हिना याद आ गया आना था याद क्या मुझे क्या याद आ…"
4 hours ago
Tasdiq Ahmed Khan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"ग़ज़ल जो दे गया है मुझको दग़ा याद आ गयाशब होते ही वो जान ए अदा याद आ गया कैसे क़रार आए दिल ए…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221 2121 1221 212 बर्बाद ज़िंदगी का मज़ा हमसे पूछिए दुश्मन से दोस्ती का मज़ा हमसे पूछिए १ पाते…"
6 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेंद्र जी, ग़ज़ल की बधाई स्वीकार कीजिए"
8 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। वो शोख़ सी निगाहें औ'…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
10 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service