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क्यों न नेता बन जाऊँ (हास्य-कविता)

जुम्मन अब्बू से बोला
दो पैसा बदलूँ चोला
निठल्लू जवान खाते गोला
सुधरो जल्दी तुमको बोला
पैसा न एक मेरे पास
कमाओ खुद छोडो आस
धंदा कोई न आता रास
बाजार करता न विश्वास
जेब कटी की सारी कमाई
पुलिस ले उडी भाई
युक्ती सुन्दर तुम्हे बताता
बन जा नेता का जमाता
अच्छी है ये तुम्हरी सीख
मांगनी पड़े अब न भीख
छुट भैया में बड़ा लोचा
करूँ धंधा कई बार सोचा
पनवाडी ने करा खाता बंद
सब बोले धंदा है मंद
माल मुफ्त अब मत खाओ
जीना है अगर यूँ ही
पुलिस मैन बन जाओ
पुलिस वालों की क्या जिंदगी
भ्रष्ट नेतन की करें बंदगी
नेता बन किस्मत अजमाऊँ
मंत्री पुत्र को साला बनाऊँ
पेट्रोल पम्प हों कई मधुशाला
गुजरे समय बीच रंगशाला
द्वार बैठ स्वामिभक्त कहलाऊँ
भोले बन राज जान जाऊँ
निकले वैकेंसी जब सदन में
गिरगिट अस दिखूँ हर दल में
साधू चोला ले चमकूँ गगन में
महामहिम बन दिखूँ  सदन में

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Comment

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Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 5:07pm

आदरणीय भ्रमर जी, सादर धन्यवाद स्नेह हेतु,

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 5:06pm

धन्यवाद  आदरणीय  लडीवाला जी सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 5:05pm

धन्यवाद आदरणीय योगी जी, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 5:05pm

धन्यवाद स्नेही कुमार जी. 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 23, 2012 at 1:11am

युक्ती सुन्दर तुम्हे बताता 
बन जा नेता का जमाता 
अच्छी है ये तुम्हरी सीख 
मांगनी पड़े अब न भीख 

हाँ आदरणीय कुशवाहा जी सारे मर्ज की दवाई तो इहै हैं नेतवन   सब पर नकेल  कसे  गिरगिट के भी दादा हैं तब तो महामहिम तक ना  --भ्रमर ५ 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 22, 2012 at 6:55pm
महामहिम बन दिखू सदन में आज
कल बन राज्यपाल करू ऐश का राज 
सबके काम करू  लेकर धन क्या एतराज 
रहू न फिर कभी किसी  के आगे मोहताज 
-अच्छा व्यंग है, पसंद है 
Comment by Yogi Saraswat on June 22, 2012 at 3:58pm

निकले वैकेंसी जब सदन में
गिरगिट अस दिखूँ हर दल में
साधू चोला ले चमकूँ गगन में
महामहिम बन दिखूँ  सदन में

क्या बात है ! बहुत उम्दा

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 22, 2012 at 10:54am

आदरणीय कुशवाहा सर, हमेशा की तरह अच्छी रचना.....बधाई.......ये नेता सुधरने वाले कहाँ......

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