For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाइकु बक्सा : बहन बोली भाई से.......

१. बाँधी है राखी
भैया लाज रखना
रक्षा करना
 
२. धागा नहीं ये
बंधन है प्यार का
मान रखना
 
३. मैं कहीं रहूँ
भूलना मत मुझे
याद रखना
 
४. आये वो दिन
जब पडूँ अकेली
साथ निभाना
 
५. भटकूँ कभी
चमकना दिये सा
राह दिखाना
 
६. पवित्र रिश्ता
भाई का बहन से
आन रखना
 
७. न घबराना
कभी झंझावातों से
मैं साथ तेरे
 
८. नहीं जाऊँगी
कभी तुझे छोड़ के
तू जान मेरी
 
९. खुशियाँ मेरी
सजती हैं तुझसे
मेरे भईया
 
१०. आँखें हैं नम
याद आया हमारा
वो बचपन
 
११. नभ के जैसा
अनंत बना रहे
प्यार हमारा

Views: 578

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 1, 2012 at 8:15am

आपका हार्दिक आभार आदरणीया मोहिनी जी........

Comment by mohinichordia on July 30, 2012 at 2:01pm

पवित्र रिश्ते को अनन्त कर दिया -बधाई आपको अजीतेंदु जी \

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 29, 2012 at 6:28pm

आदरणीय अविनाश सर, आपने पसंद किया.......लिखना सफल हो गया...आभार...

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 29, 2012 at 6:26pm

आदरणीया राजेश जी, एक बहन के मन में भाई को राखी बांधते समय जो भावनाएं उठती हैं मैंने उन्हीं को दिखाने की कोशिश की और आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से लगता है कि मेरा प्रयास सफल हो गया.....आभार.......

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 29, 2012 at 6:22pm

स्वागत है आदरणीय अम्बरीश जी....उत्साहवर्धन के लिए आपको दिल से धन्यवाद देता हूँ......यूँ ही स्नेह बनाये रखियेगा

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 29, 2012 at 6:19pm

आदरणीय रक्ताले सर, राखी एक बेहद भावनात्मक त्यौहार है......उसपर कुछ लिखना भी बेहद भावनात्मक होता है.....आपने पसंद किया....आपका आभारी हूँ...

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 29, 2012 at 6:16pm

स्वागत है दीप्ति जी....आपने हाइकुओं को पसंद किया.....आपका आभारी हूँ....

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on July 29, 2012 at 6:15pm

बड़े भैया अलबेला जी, उत्साहवर्धन के लिए आपका आभार.......स्नेह बनाये रखियेगा....

Comment by AVINASH S BAGDE on July 27, 2012 at 4:49pm

६. पवित्र रिश्ता

भाई का बहन से
आन रखना....AAJ KAL property K CHAKKAR ME आनKI JAGAH "ON" YANI JIVANT BHI RAKHANA....
१०. आँखें हैं नम
याद आया हमारा
वो बचपन..SAHI...
१. नभ के जैसा
अनंत बना रहे
प्यार हमारा...UMDA HAIKU-BAKSA...कुमार गौरव अजीतेन्दु JI.

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 27, 2012 at 10:54am

रक्षा बंधन को परिभाषित करते हुए सुन्दर हाइकु हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बहुत सुंदर अभिव्यक्ति हुई है आ. मिथिलेश भाई जी कल्पनाओं की तसल्लियों को नकारते हुए यथार्थ को…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Jun 3
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Jun 3

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Jun 3
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service