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चिड़िया रानी बड़ी सयानी
दाना चुगने आई है,
प्यारे-प्यारे रंग कई
साथ में अपने लाई है|

आओ बच्चों तुम भी देखो
इसकी कारगुजारी,
भोली आँखें, मासूम चेहरा
चाल न्यारी-न्यारी|
करती रोज मेहनत कितनी
दाना चुग ले जाती,
अपने सारे बच्चों को
बारी-बारी खिलाती|

है इसकी नित्य दिनचर्या
इसने नियम बनाया है,
अपना ये कर्तव्य कभी
इसने नहीं भुलाया है|
नहीं छीनती कुछ किसी से
मेहनत से कमाती है,
इसलिए तो प्यार इतना
तुमसब से पाती है|

सीखो बच्चों सीखो इससे
तुम भी नाम कमाओगे,
जाओगे कहीं दुनिया में
मान-सम्मान ही पाओगे|

Views: 914

Replies to This Discussion

सीखो बच्चों सीखो इससे
तुम भी नाम कमाओगे,
जाओगे कहीं दुनिया में
मान-सम्मान ही पाओगे

VERY FINE...........CONGRATULATION.

आपका हार्दिक आभार लूण करण सर....

बहुत सुन्दर बाल कविता लिखी है आपने कुमार गौरव जी... बधाई इस रचना के लिए  

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