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  • (१) भूख

कभी-कभी मैं सोचता हूँ की
ये रोटियाँ, रोटियाँ न हो कर
जैसे कोई रबड़ हैं
जो मिटा देती हैं
भूख को,
लेकिन असल समस्या
तो उस कलम की है
जो लिखती जा रही है,
भूख, भूख, भूख.....

  • (२) मेरा नाम

मुक़द्दर में तू कैसे-कैसे ईनाम लिखता है
कहीं की सुबह, कहीं की शाम लिखता है |
करूँ तो करूँ कैसे तेरी इनायतों का शुक्रिया
कहाँ-कहाँ की रोटियों पे तू मेरा नाम लिखता है ||

  • (३) दर्पण

भगवान के पास सब कुछ है,
कर ही सकते क्या उसको अर्पण |
किसी बहाने बस वो देखा करता,
तुम्हारी भावनाओं का दर्पण ||

  • (४) कुँएं का मेंढक

ये भी क्या खूब रही
की
मेरा उद्देश्ये
तुमने निरुददेश्ये कर दिया
अब मैं कोई 'कारण' नहीं
बस 'अकारण' हूँ
और
मेरे लिए भी हो
तुम,,,
सिर्फ एक 'नेकी'....
इसलिए अब
मैं तुमको
कुएं में डालता हूँ !!!

  • © AjAy Kum@r

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Comment

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Comment by AjAy Kumar Bohat on May 13, 2012 at 7:33pm

शुक्रिया सौरभ जी, और क्षमा चाहता हूँ जाने कैसे आपका कमेन्ट नज़रंदाज़ हो गया...देरी के लिए खेद है.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 14, 2012 at 4:57am

भाई अजय जी, आपकी चारों रचनाओं के लिये बधाई.

Comment by AjAy Kumar Bohat on April 13, 2012 at 8:55am

धन्यवाद आशा जी , जो  आपको  रचाएं  पसंद आयी....

Comment by asha pandey ojha on February 16, 2012 at 3:53pm

chhotee chhotee rachnaon me gahn anubhuti hai jivan ki  bahut umda 

Comment by AjAy Kumar Bohat on January 7, 2012 at 2:47pm

मेरी बस यूँ ही सी लिख दी गयी कविताओं पर जब आप जैसे विद्वानों  के हौसला अफ़ज़ही करते शब्द पढ़ता हूँ तो मन  में एक अजीब जी खुशी मिलती है जिसको की शब्दों में अभिव्यक्त कर पाने में मैं असमर्थ हूँ, लेकिन आपने जो अपना कीमती समय मेरी पंक्तियों के लिए इनायत फरमाया उसके लिए मैं हृदये से आभारी हूँ प्रभाकर जी... 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on January 7, 2012 at 2:38pm

चारों ही रचनाये बहुत सुन्दर और सारगर्भित हैं, मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें अजय जी. 

Comment by AjAy Kumar Bohat on January 7, 2012 at 1:54pm
बहुत बहुत धन्यवाद गणेश जी, आभारी हूँ

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 7, 2012 at 11:24am

अजय जी , आपकी चरों रचनाएँ देखन में छोटन लगे घाव करे गंभीर टाइप की हैं, बधाई स्वीकार करें , आगे भी आपकी रचनाएँ और अन्य साथियों की रचनाओं पर आपके बहुमूल्य विचारों का स्वागत रहेगा |

Comment by AjAy Kumar Bohat on January 5, 2012 at 6:37am

Bahut Bahut Shukriya Abhinav ji.

Comment by Abhinav Arun on January 4, 2012 at 4:27pm
बहुत अच्छी रचना अजय जी ! आपकी कलम को नमन है जिसने अपनी सोच को सशक्त तरीके से प्रस्तुत kiya !!

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