For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक-५ का लेखा जोखा (सम्पादकीय रपट)

आदरणीय साथियो,
सादर वन्दे !

ओबीओ के मंच से चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक-५ का आयोजन दिनांक १८ अगस्त २०११ से २० अगस्त २०११ तक किया गया, जिसका संचालन पिछली प्रतियोगिताओं की तरह इस बार भी युवा साहित्यकार श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी ने किया ! इस बार रचनाधर्मियों को सरहद पर तैनात वीर सैनिकों को राखी बाँधती बहनों का एक चित्र देकर उस पर  कलम-आजमाई करने का निमंत्रण दिया गया था ! इस बार पूरे तीन दिन साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों ने जिस हर्षोल्लास से इस आयोजन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, उसने ओबीओ पर आयोजित होने वाले अन्य आयोजनों की ही भांति यहाँ भी रौनक लगाए रखी !  ३ दिनों में ८२० प्रविष्टियाँ पाना इस आयोजन की सफलता की कहानी खुद ब्यान कर रहा है ! 

 

इस बार के आयोजन में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु ३ दिन में केवल ३.पोस्ट की सीमा तय कर दी गई थी ! प्रतियोगिता  का शुभारम्भ गीतकार श्री सतीश मापतपुरी जी के एक खूबसूरत गीत से हुआ ! फिर उसके बाद तो गीत, नवगीत, अतुकांत कविता, तुकांत कविता, कुंडली, घनाक्षरी, हाइकु तथा "एकादशी"  का जो सिलसिला शुरू हुआ वह पूरे तीन दिनों तक पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ चलता रहा ! दिए गए चित्र  के हर पहलू पर रचनाकरों ने आपने फन के जौहर दिखाए ! वीर सैनिकों को राखी बाँध रही अंजान बहनों के इस दृश्य पर सभी रचनाकारों ने आपने आपने ढंग से कहने की कोशिश की ! जहाँ राखी और भाई बहन के पारम्परिक स्नेह की बात हुई, वहीं इसके मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर भी बात हुई !  
 
इस प्रतियोगिता में "प्रतियोगिता हेतु" ओर" प्रतियोगिता से अलग" श्रेणियों में जो रचनाकार/रचनाएँ सम्मिलित हुईं  उनका लेखा-जोखा कुछ इस प्रकार है : 
  
१. श्री सतीश मापतपुरी जी (१ रचना) 
२.. श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी ( रचनाएँ)
३. श्री रवि कुमार गुरु जी, (२ रचनाएँ) 
४..श्री संजय मिश्र हबीब जी (२ रचनाएँ)
५.. श्री अतेन्द्र कुमार रवि जी  (२ रचनाएँ)
६. श्री इमरान खान जी  (२ रचनाएँ)
७.. श्री लाल बिहारी लाल जी (१ रचना)

८. श्री आशुतोष पांडे जी (२ रचनाएँ)

९.
श्रीमती शन्नो अग्रवाल जी (२ रचनाएँ)
१०. श्रीमती वंदना गुप्ता जी (१ रचना)
११. श्री बृज भूषण चौबे जी (१ रचना)
१२. श्री आलोक सीतापुरी जी (२ रचनाएँ)
१३. श्री धर्मेन्द्र शर्मा जी  (१ रचना)
१४. श्री मुईन शम्सी जी (१ रचना)
१५. श्री दुष्यंत सेवक जी  (१ रचना)
 
 
१५  लेखकों की लगभग २ दर्जन स्तरीय रचनाये, और कुल मिला कर ८२०  एंट्रीज़ - यानि प्रत्येक रचना को औसतन ३४ से भी ज्यादा टिप्पणियाँ इस आयोजन में प्राप्त हुईं जोकि बहुत वन्दनीय है ! मुझे इस बात का सब से ज्यादा संतोष है कि इस बार रचनाओं पर दिल खोल कर टिप्पणियाँ दी गईं !  इस दिशा में सर्वश्री धर्मेन्द्र शर्मा जी, श्री आशीष यादव जी, श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी, श्री सतीश मापतपुरी जी, श्री प्रीतम तिवारी जी, धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी, गणेश बागी जी, संजय मिश्र हबीब जी, प्रीतम तिवारी जी, आशुतोष पाण्डेय जी, श्रीमती वंदना गुप्ता जी, श्रीमती शन्नो अग्रवाल जी, एवं इन सब से ऊपर आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी का योगदान अतुल्य रहा ! जिस प्रकार एक मिशन समझ कर इन्होने मेहनत की है मैं उनको सादर नमन करता हूँ !  जहाँ श्री संजय मिश्र हबीब जी और श्री आशुतोष पाण्डेय जी का पूरी तन्मयता से ओबीओ के साथ जुड़ना भी इस आयोजन की एक उपलब्धि रही वहीँ हमारे एक पुराने साथी श्री दुष्यंत सेवक का पुन: नमूदार होकर सक्रिय होना भी बायस-ए-मसर्रत रहा !    


हर बार की तरह इस बार भी कोरी वाह-वाही से ऊपर उठ कर बात हुई ! जहाँ अधिकाँश रचनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा हुई वहीँ कमजोर रचनाओं और भाषा-व्याकरण की त्रुटियों को लेकर भी खुल कर बात हुई ! अक्सर रचनाकार आलोचना से विचलित होते देखे गए हैं, लेकिन इसे ओबीओ की सकारात्मक ऊर्जा और मंच का तिलिस्म ही कहेंगे कि जिन रचनाओं की कमियों को इंगित किया गया उनके रचनाकारों ने आलोचना को खुले माथे स्वीकार किया ! मेरे मतानुसार यह एक बहुत ही सकारात्मक लक्षण है जोकि ओबीओ के "सीखने और सिखाने" के उद्देश्य की बखूबी तर्जुमानी कर रहा है !

कुल मिला कर यह आयोजन आशा से कहीं बढ़कर बेहद सफल रहा ! सभी रचनाओं पर लगभग हरेक साहित्य रसिक ने ने अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देकर लेखकों का हौसला बढाया !  ओबीओ के कुछ वरिष्ठ सदस्यों की अनुपस्थिति हालाँकि अंत तक सभी को खलती रही ! बहरहाल, मैं इस आयोजन में सम्मिलित सभी रचनाधर्मियों का हृदय से धन्यवाद करता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि  आप सब का सहयोग एवं स्नेह हमें यथावत प्राप्त होता रहेगा ! मैं अंत में इस प्रतियोगिता के संचालक श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी एवं ओबीओ के संस्थापक श्री गणेश बागी जी को इस सफल आयोजन पर बधाई देता हूँ !  जय ओबीओ ! सादर !


योगराज प्रभाकर

(प्रधान सम्पादक)

Views: 1966

Reply to This

Replies to This Discussion

भाई आशुतोष जी, इस विकट परिस्थितियों में भी जिस तरह से आपने इस आयोजन में हिस्सा लिया वह स्तुत्य है, मैं ओ बी ओ की तरफ से आपके समर्पण को नमन करता हूँ एवं आपकी पत्नी के स्वास्थ लाभ हेतु ईश्वर से प्रार्थना भी |

आदरणीय आशुतोष जी.
विपरीत परिस्थितियों में आपने जिस प्रकार उत्साह से सभी रचनाकारों का उत्साह बढाया व सटीक टिप्पणियां की यह स्तुत्य है, हम इश्वर से कामना करते हैं की आपकी पत्नी को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो. हम सब दुआ करेंगें... आभार महोदय...

मैं आपकी बात से पूर्णतय: सहमत हूँ दुष्यंत भाई !

आपकी दोनी रचनाएँ बहुत स्तरीय थी आशुतोष भाई ! आपकी अदम मौजूदगी हमारे लिए बायस-ए-मसर्रत है !

सफल आयोजन - सटीक लेखा जोखा | इस विस्तृत रपट के ज़रिये पूरे आयोजन का निचोड़ सामने रख दिया आपने संपादक जी ! साधुवाद !!

शुक्रिया अरुण भाई !

आदरणीय प्रधान संपादक महोदय,
त्रि दिवसीय आयोजन की इस विस्तृत रिपोर्ट पढ़ कर मन प्रफुल्लित हो गया, अपने मेरा पुनः नमूदार होना भी बयां किया मैं गदगद हूँ. इस मंच का ही कुछ जादू है जो मेरे जैसे आलसी को भी लिखने के लिए प्रेरित कर देता है. सर आप लोगों के सान्निध्य में खुद को मांजने का जो मौका मिला है उसे भुना रहा हु बस...आशीर्वाद बनायें रखें...आभार

मेरे अजीज़ दोस्त, आपको दोबारा ओबीओ पर सक्रिय होते देखना मेरे लिए बहुत पुरसुकून तजुर्बा रहा ! उम्मीद है कि भविष्य में इतनी लम्बी गैर-हाजिरी नहीं होगी आपकी तरफ से ! 

योगराज जी,
आपको बहुत धन्यबाद और बधाई ! आपकी रपट पढ़कर जान में जान आई. ये रपट नाम तो थाने से जुड़ा हुआ सा लगता है और आप हवलदार से. मुझे माफ करना मेरे भाई, मैंने तो मन की सच्ची बात ही बताई..लेकिन कहीं अपना मुँह खोलने के बारे में यहाँ अपने विरुद्ध कोई रपट ना लिख जाये..और लेने के देने पड़ जायें (हा हा हा) इसलिये अब खिसकती हूँ..जय श्री कृष्णा !

चलते-चलते सभी को जन्माष्टमी की बधाई भी दे रही हूँ...सबको ढेरों शुभकामनायें.

आदरणीया शन्नोजी, आपका अंदाज़ सर-आँखों पर. आपने अपने इसी अंदाज़ में बहुत पते की बात सामने रखी है.

 

अंग्रेजी के रिपोर्ट (Report) का तर्जुमा रपट होता है. एक समय की बहुत प्रसिद्ध समाचार पत्रिका ’दिनमान’ ने इसके लिये रिपोर्ताज़ शब्द का खूब इस्तमाल किया था. मैं भी अक्सर रिपोर्ताज़ शब्द का ही इस्तमाल करता हूँ, क्योंकि पुलिस विभाग में प्रयुक्त रिपोर्ट के लिये रपट का प्रयोग किया जाता है.

इधर दसेक वर्षों से इलेक्ट्रोनिक मीडिया में रिपोर्ट का अंग्रेजी रूप ही प्रयुक्त होने लगा है. .. "अब आप एक्स्क्लूसिव रिपोर्ट सुनिये" जोर-शोर से कहा जाता है अब.

आदरणीय सौरभ जी, आपके समर्थन व रपट शब्द की व्याख्या के लिये बहुत धन्यबाद...मैं भी क्या करूँ...जितनी बार ये शब्द यहाँ पढ़ती हूँ...थाना शब्द भी साथ में याद आ जाता है :))))  लेकिन अच्छा भी लगता है रपट शब्द का यहाँ प्रयोग होना...क्यों कि ये शब्द ही उचित है. 

मन का बिचार जरा डरते-डरते ही लिखा था  :)

धन्यवाद "आदरणीय" शन्नो जी ! आप जो मर्जी कहें - मैं आपकी बात का कभी बुरा नहीं मानूंगा, कृपया स्नेह यूं ही बनाये रखें !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
6 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service