For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मन की कारिख धोई कै,  प्रेम रंग चटकाय
मोद सरोवर  डूबिए, काम, क्रोध विलगाय

पाप ताप की होलिका जब जारै कोई बुद्ध
प्रकटै तब आह्लाद संग नित्य, मुक्त जो शुद्ध

ज्ञानाग्नि में दहन कर , सभी शुभ अशुभ कर्म
होली हो वैराग्य की, जाने सत का मर्म

मन आ बैठी होलिका, उपजा अति उन्माद
जला दिया जब राक्षसी को, प्रकटा प्रह्लाद

मौलिक एवं अप्रकाशित










Views: 502

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Usha Awasthi on March 24, 2022 at 12:14pm

आ0 सुरेन्द्र कुमार शुक्ला जी, प्रस्तुति सुन्दर लगने हेतु हार्दिक धन्यवाद।शुभकामनाएँ 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on March 24, 2022 at 11:41am

बहुत सुन्दर होली की प्रस्तुति, हार्दिक शुभकामनाएं

Comment by Usha Awasthi on March 21, 2022 at 1:35pm

आ0 लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी , रचना सुन्दर लगी, जानकर हर्ष हुआ हार्दिक आभार आपका

Comment by Usha Awasthi on March 21, 2022 at 1:30pm

आ0 सुशील सरन जी, प्रस्तुति सुन्दर लगी ,जानकर  खुशी हुई । हार्दिक धन्यवाद आपका

Comment by Sushil Sarna on March 21, 2022 at 1:12pm
वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीया जी हार्दिक बधाई
Comment by Usha Awasthi on March 19, 2022 at 5:27am
  1. आ0 सौरभ पाण्डे जी,आपको भी होली की बहुत शुभकामनाएँ। मैंने इन भावों को किसी विधा को ध्यान में रखकर नहीं लिखा। जो भाव उठे ,  वैसे ही लिख दिया।'अतुकान्त' लिखना भूल गई । प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार आपका।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 18, 2022 at 10:55pm

आदरणीया ऊषा जी, आप दोहा छंद पर अभ्यासरत हों.  प्रस्तुति का ढंग श्लाघनीय है. 

होली की शुभकामनाएँ

शुभातिशुभ

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 17, 2022 at 10:20am

आ. ऊषा जी, सादर अभिवादन। होली पर सुन्दर रचना हुई है । हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
13 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"श्रद्धेय श्री तिलक राज कपूर जी, आप नाचीज़ की ग़ज़ल तक  पहुँचे, आपका अतिशय आभार, …"
16 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल तक आप आये और अपना बहुमूल्य समय दिया, आपका आभारी…"
32 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका "
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय गुरमीत सिंह जी बहुत- बहुत धन्यवाद आपका छतरी की मात्रा गिराने हेतु आपकी चिंता ठीक…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु शकूर जी बहुत शुक्रिया आपका "
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी "
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आपका आपने वक़्त दिया मतला   "तुम्हारी…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आया सफर कब मंजिलों से याद आया।१। देखा जाये तो…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई शिज्जू शकूर जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। गिरह भी खूब हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया याद तो उन्हें भी आया और शायर को भी लेकिन…"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया इस शेर की दूसरी पंक्ति में…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service